आज श्रावण मास की पूर्णिमा पर परंपरागत रूप से महात्मा श्रवण कुमार का प्रातःकाल में पूजन किया गया। इस अवसर पर उपाकर्म एवं पवित्री धारण संस्कार का विशेष महत्व है। साथ ही भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को सुदृढ़ करने वाला रक्षासूत्र विधान भी आज के दिन सम्पन्न किया जा रहा है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, उचित मुहूर्त में ईश्वर के सान्निध्य में रक्षा सूत्र बांधने से भाई-बहन और परिवार के बीच कभी मनमुटाव नहीं रहता, जबकि समय और मुहूर्त की अनदेखी से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
आज श्रवण नक्षत्र का प्रभाव मध्याह्न पश्चात तक रहेगा, जिसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र का प्रवेश होगा। श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र का संयोग अभिजीत योग का निर्माण करता है, जिसे अत्युत्तम मुहूर्त माना जाता है। मध्याह्न के बाद श्रवण नक्षत्र समाप्त होते ही प्रतिपदा का संयोग भी हो जाएगा, जो रक्षाबंधन के लिए विशेष रूप से शुभ है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रसन्नचित्त होकर भाभी, भाई और परिवार के साथ रक्षासूत्र बांधने से आपसी संबंध मजबूत होते हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है।
आचार्य माधव शास्त्री जी की कलम से।🙏