✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
जयपुर। राजस्थान सरकार ने राज्य के समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक सख्त निर्देश जारी किया है, जिसमें उनसे उनकी अचल संपत्ति (आईपीआर) का ब्योरा ऑनलाइन पोर्टल ‘राजकाज’ पर अनिवार्य रूप से अपलोड करने को कहा गया है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी 24 अप्रैल 2025 तक अपने प्रॉपर्टी डिटेल पोर्टल पर सार्वजनिक नहीं करता है, तो उसका प्रमोशन, वेतन वृद्धि और विजिलेंस क्लीयरेंस रोक दी जाएगी।
2011 से 2024 तक का विवरण देना अनिवार्य
सरकार की ओर से यह आदेश उन अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए विशेष रूप से लागू किया गया है, जिन्होंने 2011 से 2024 तक की अपनी अचल संपत्तियों का विवरण अब तक पोर्टल पर अपलोड नहीं किया है। ऐसे कर्मचारियों को यह आखिरी अवसर दिया गया है कि वे समयसीमा के भीतर सभी जानकारियां अपलोड करें।
प्रशासनिक अफसरों को दिए गए स्पष्ट निर्देश
प्रशासनिक सुधार विभाग ने राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव, शासन सचिव, विभागाध्यक्ष, जिला कलेक्टर समेत सभी वरिष्ठ अधिकारियों को आदेशित किया है कि वे अपने अधीन कार्यरत सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से समय पर प्रॉपर्टी डिटेल भरवाएं। यह कार्य पूरी तरह से ऑनलाइन होगा और राजकाज पोर्टल पर ही संपन्न होगा।
नहीं भरा विवरण तो नहीं मिलेगी प्रमोशन-वेतन बढ़ोतरी
राज्य सरकार की ओर से 14 अप्रैल 2011 व 29 जून 2021 के परिपत्रों के अनुसार, सभी राजपत्रित अधिकारियों और राज्य सेवा के कर्मचारियों को अचल संपत्ति का ब्योरा ऑनलाइन देना अनिवार्य किया गया था। यदि कोई कर्मचारी यह जानकारी नहीं देता है, तो उसे विजिलेंस क्लियरेंस नहीं मिलेगी, पदोन्नति रोकी जा सकती है और आगे की वेतन वृद्धि भी अटक सकती है।
राज्य के बोर्ड, निगम और स्वायत्तशासी संस्थाएं भी दायरे में
यह निर्देश केवल विभागीय कर्मचारियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आदेश राज्य सरकार के नियंत्रण वाले सभी बोर्ड, निगम, स्वायत्तशासी संस्थाएं, उपक्रमों पर भी लागू होगा। यानी इन संस्थानों के कर्मचारी भी इस आदेश के दायरे में आएंगे।
आईटी सहायता और ऑनलाइन प्रक्रिया
अगर किसी कर्मचारी को राजकाज पोर्टल पर विवरण भरने में कोई तकनीकी समस्या आती है, तो वह आईटी अधिकारी से सहायता ले सकता है। पोर्टल पर विवरण भरते समय कर्मचारी को गत वर्ष की आईपीआर स्थिति, नियुक्ति करने वाला विभाग, वर्तमान तैनाती विभाग, कैडर, पद, बेसिक पे आदि की जानकारी देनी होगी। यह सारी जानकारी पीडीएफ फॉर्मेट में अपलोड की जानी है।
सरकार की सख्ती के पीछे वजह
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वर्षों से कई अधिकारी अचल संपत्ति की जानकारी देने से बचते आए हैं। इसके चलते अब सरकार ने एक बार फिर से अंतिम चेतावनी देते हुए स्पष्ट किया है कि अगर कोई कर्मचारी निर्धारित समयसीमा तक जानकारी नहीं देता है, तो उसे गंभीर प्रशासनिक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
पारदर्शिता की दिशा में सरकार का बड़ा कदम
राजस्थान सरकार का यह निर्णय सरकारी तंत्र में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। अब देखना यह है कि कितने अधिकारी व कर्मचारी समय पर अपनी प्रॉपर्टी डिटेल सार्वजनिक करते हैं या फिर सरकार को अगला सख्त कदम उठाना पड़ता है।