मध्य प्रदेश के दमोह जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां मिशनरी संस्थान द्वारा संचालित एक अस्पताल में फर्जी डॉक्टर द्वारा किए गए हृदय रोगों के ऑपरेशन के चलते सात लोगों की मौत हो गई। मामले ने तब तूल पकड़ा जब दमोह निवासी दीपक तिवारी नाम के एक व्यक्ति ने अस्पताल के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए और इसकी शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से की।
दीपक तिवारी का आरोप है कि जनवरी और फरवरी 2025 के बीच अस्पताल में एक शख्स ने खुद को “डॉ. एन जॉन केम” बताकर करीब 15 लोगों का ऑपरेशन किया, जिनमें से 7 की मौत हो गई। जांच में पता चला कि उक्त व्यक्ति का असली नाम नरेन्द्र विक्रमादित्य यादव है, जिसने ब्रिटेन के प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट प्रोफेसर जॉन केम की पहचान का दुरुपयोग किया।

शिकायत के अनुसार, अस्पताल ने न तो मौतों की सूचना पुलिस या अस्पताल चौकी को दी, न ही मृतकों का पोस्टमार्टम कराया गया। उलटे परिजनों से मोटी फीस वसूल कर शवों को चुपचाप सौंप दिया गया।
प्रोफेसर जॉन केम ने भी एक ईमेल के जरिए पुष्टि की कि नरेन्द्र विक्रमादित्य यादव उनके नाम का दुरुपयोग कर रहा है और उनका इस व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है।
दीपक तिवारी ने मांग की है कि मौतों की जांच कर अस्पताल और आरोपी डॉक्टर पर हत्या का मामला दर्ज किया जाए तथा अस्पताल का रजिस्ट्रेशन तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए।
दमोह के कलेक्टर सुधीर कोचर ने बताया कि शिकायत प्राप्त हुई है और मामले की जांच जारी है। जांच के निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला चिकित्सा व्यवस्था पर एक गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।
नोट- अंतिम समाचार मिलने तक पुलिस ने फर्जी डाक्टर को गिरफ्तार कर लिया है और पुछताछ जारी है