दलितों पर अन्याय का अतीत साक्षी – कविया

वरिष्ठ पत्रकार पवन पहाड़िया
नागौर – अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति एवं नेम प्रकाशन डेह की ओर से डाॅ भीमराव अम्बेडकर जयंती सप्ताह के अवसर पर डेह रोड़ स्थित हनुमान मंदिर में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया। श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार लक्ष्मण दान कविया ने कहा कि दलितों पर हुए अन्याय का साक्षी अतीत रहा है। अतीत में दलितों ने जो अन्याय सहे उसका वर्णन करते वक्त लेखक की लेखनी भी आंसू बहाने लग जाती है। कविया ने कहा कि जब मैंने दलित सतसई का सृजन किया तब कमोवेश इस स्थिति से मुझे भी गुजरना पड़ा था। दलित सतसई में दलितों की जीवनी कथा हृदयस्पर्शी मार्मिक करूण कहानी बन पड़ी है। मुझे गर्व है कि राजस्थानी भाषा में दलित सतसई लिखने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ है। बैठक में नेम प्रकाशन के अध्यक्ष पवन पहाडि़या ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर ने भारत के संविधान में दलितों के उत्थान के लिए कुछ वर्षों तक आरक्षण का प्रावधान रखा था लेकिन दलितों ने कालांतर में इसे अपना अधिकार समझ लिया है जो न्यायोचित नहीं है लंबे समय तक ऐसी स्थिति बनी रही तो सामाजिक विघटन पैदा हो जायेगा। बैठक में भंवर वैष्णव,श्रीराम वैष्णव, सतपाल सांदु, प्रहलाद सिंह झोरड़ा,सांवलदान कविया, शैतान राम टाक, फतुराम छाबा सहित कई दलित हितैषी श्रद्धांजलि सभा में मौजूद।