✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
खास रिपोर्ट | ज्योतिष विशेष
बृहस्पति ग्रह का ज्योतिष में विशेष स्थान होता है। इसे देवगुरु, ज्ञान, धर्म, विवाह, संतान, सम्मान और समृद्धि का कारक माना गया है। लेकिन जब यही ग्रह कुंडली में अशुभ या नीच स्थिति में होता है, तो व्यक्ति के जीवन में अनेक कष्ट, रुकावटें और असफलताएं आने लगती हैं। इस स्थिति को ‘बृहस्पति दोष’ या ‘गुरु बाधा’ कहा जाता है। आइए जानते हैं बृहस्पति दोष के कारण, उसके लक्षण, जीवन पर प्रभाव और उससे मुक्ति पाने के अचूक उपाय।
बृहस्पति दोष कब होता है?
- जब बृहस्पति मकर राशि में नीच का होता है।
- जब वह वृषभ या तुला राशि (जो शुक्र की राशि हैं) में अशुभ प्रभाव देता है।
- जब कुंडली में यह 6वें, 8वें या 12वें भाव में स्थित होता है।
- जब गोचर में बृहस्पति 4, 8 या 12वें स्थान में आता है।
बृहस्पति दोष के लक्षण और प्रभाव:
अगर किसी की कुंडली में बृहस्पति दूषित या अशुभ स्थिति में है, तो उसे जीवन में निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है—
- धन की हानि और आर्थिक तंगी
- विवाह में अड़चनें, विलंब या वैवाहिक जीवन में अस्थिरता
- कार्य में रुकावटें और अचानक विफलता
- धार्मिक आस्था में कमी, पूजा-पाठ में अरुचि
- मानसिक तनाव, बेचैनी और दुख
- पारिवारिक कलह और तनाव
- पेट संबंधी बीमारियां – जैसे गैस, कब्ज, अपच
- समाजिक प्रतिष्ठा में गिरावट
- शिक्षा में बाधाएं और कम शैक्षणिक योग्यता
- यश और प्रसिद्धि का अभाव
- विरोधियों की संख्या बढ़ना, झूठे आरोप लगना
- मन में निराशा और आत्मविश्वास की कमी
बृहस्पति दोष से मुक्ति के 10 अचूक उपाय:
- गुरुवार को सवा पाव साबुत हल्दी पीले कपड़े में बांधकर, 21 बार अपने ऊपर वार कर बहते जल में प्रवाहित करें।
- रोज़ केसर मिश्रित पीले चंदन का तिलक माथे पर लगाएं।
- हर गुरुवार किसी ब्राह्मण को पीले वस्त्र, चने की दाल, गुड़, घी, सोना या पीले फल आदि दान करें।
- गुरुवार के दिन केले की पूजा करें और दिन भर पीला भोजन ही ग्रहण करें।
- भीगी हुई चने की दाल और गुड़, पीली गाय को खिलाएं।
- गुरु, संत और ब्राह्मणों का आदर करें और वेद संबंधित पुस्तकों का दान करें।
- “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः” मंत्र का प्रतिदिन जाप करें (108 बार)।
- कुंडली में गुरु की शांति और प्रबलता हेतु गुरु ग्रह की पूजा कराएं।
- व्यापार, पद और प्रतिष्ठा में वृद्धि हेतु रात्रिकालीन नवचंडी दुर्गा पाठ और हवन करवाना लाभदायक रहेगा।
- ज्योतिषाचार्य की सलाह से पुखराज रत्न या हल्दी की गांठ धारण करें।
निष्कर्ष:
बृहस्पति ग्रह का जीवन में अत्यधिक प्रभाव होता है। यह व्यक्ति की सोच, ज्ञान, विवेक, धर्म, विवाह और मान-सम्मान का कारक है। इसलिए अगर यह ग्रह कुंडली में कमजोर हो, तो समय रहते उचित उपाय करना अत्यंत आवश्यक है। विशेष रूप से बृहस्पति दोष से प्रभावित व्यक्ति को किसी योग्य ज्योतिषाचार्य से परामर्श लेकर उचित पूजन, मंत्र जाप, दान और रत्न धारण करना चाहिए, ताकि जीवन में आ रही बाधाओं को दूर किया जा सके और सुख-समृद्धि प्राप्त हो सके।
अगर आप भी अपने जीवन में ऐसी समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो अपनी कुंडली का गहन विश्लेषण कराएं और सही दिशा में कदम बढ़ाएं। कुंडली विश्लेषण, पूजा-पाठ और बृहस्पति ग्रह की शांति के लिए नीचे दिए गए संपर्क पर परामर्श लें।
(यह खबर धार्मिक व ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है)