जमाअत ए इस्लामी हिंद ब्यावर व सद्भाव मंच की ओर से ईद मिलन तथा स्नेह भोज कार्यक्रम आयोजित
वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल समद राही



ब्यावर। जमाअत ए इस्लामी हिंद ब्यावर व सद्भाव मंच की ओर से रविवार को होटल विक्रांत में एक ईद मिलन तथा स्नेह भोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न मीडिया समूह के पदाधिकारी तथा मीडिया कर्मी तथा प्रबुद्धजन शामिल हुए।
समारोह के मुख्य अतिथि जमाअत ए इस्लामी हिंद, राजस्थान के मीडिया सचिव डॉ० सैयद नासिर हसन ने सभी को ईद की मुबारकबाद पेश करते हुए कहा कि ईद का मतलब खुशी का दिन होता है और जो कि रमज़ान के पवित्र माह के तीस दिनों के रोज़े रखने के बाद अल्लाह इनाम के तौर पर अता करता है।
रमज़ान के माह में मुस्लिम समाज के लोग रोज़े के जरिए पूरे महीने आत्म संयम का प्रशिक्षण हासिल करते हैं और हर तरह की बुराइयों से बचने और दूर रहने की कोशिश करते हैं और आत्म नियंत्रण करते हैं।
उन्होंने कहा कि जब तक इंसान के अंदर अपने ईश्वर के सामने अपने जीवन के कर्मों के प्रति जवाबदेही का अहसास पैदा नहीं होता वो बुराइयों पर नियंत्रण नहीं पा सकता है। उन्होंने कहा आज हमारे देश में कुछ अराजक और राजनीतिक व्यक्तियों द्वारा अपने निजी और राजनीतिक स्वार्थों की खातिर विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच नफरत का माहौल बनाया जा रहा है। हर विवादित मुद्दे को साम्प्रदायिक रंग देने का प्रयास किया जा रहा है और उसके द्वारा समुदायों के बीच टकराव पैदा किया जा रहा है जिससे देश में आए दिन दंगे, फसाद और अशांति का माहौल पैदा किया जा रहा है। इसलिए देश में शांति और सौहार्द्र बनाए रखने के लिए सभी शांति प्रिय लोगों को आगे आकर सद्भावना के लिए काम करने और अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की अत्यंत आवश्यकता है।
हम सभी को देश में चल रहे नफरती नरेटिव को सख्ती से नकारने की आवश्यकता है। आजकल देश की मूल समस्याओं से ध्यान भटकाया जा रहा है और अनावश्यक मुद्दे उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज के इस माहौल में माडिया का अहम रोल है। मीडिया लोगों की मानसिकता बनाने में अहम रोल अदा करती है। मीडिया को चाहिए कि वो सच्चाई दिखाए और निष्पक्षता से देश की मूल समस्याओं पर लोगों का ध्यान आकर्षित करे और मुद्दों को साम्प्रदायिक बनने से रोके और लोगों की मानसिकता को सही रुख दे।
कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ० जावेद हुसैन ने ईद मिलन कार्यक्रम के उद्देश्य और महत्व पर बात रखते हुए बताया कि जमाअत ए इस्लामी हिंद एक वैचारिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक संगठन है जो इस देश में पिछले 75 सालों से ईश्वरीय मार्गदर्शन में एक आदर्श समाज की स्थापना के लिए कार्य कर रही है तथा साथ ही देश में साम्प्रदायिक सौहार्द्र व सद्भाव के लिए कार्य कर रही है। इसी के तहत जमाअत पूरे देश में ईद मिलन समारोह आयोजित करती है जिसका उद्देश्य विभिन्न धार्मिक समुदायों और संप्रदायों के बीच सौहार्द्र व सद्भाव बनाना है।
दैनिक निरंतर समाचारपत्र के संपादक रामप्रसाद कुमावत ने कहा कि ईद का त्यौहार हिंदू मुस्लिम एकता का शाश्वत केंद्र रहा है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से देश में जिस तरह का माहौल चल रहा है उससे लगता है कि देश की एकता व अखंडता खतरे में पड़ती नज़र आ रही है। उन्होंने कहा कि देश लोकतंत्र से चलेगा या धार्मिक किताब से। उन्होंने कहा कि आज देश में एक प्रकार की विचारधारा थोपने की कोशिश की जा रही है।आज देश में लोगों को वास्तविक मुद्दों से भटकाने के लिए औरंगजेब , लव जिहाद और शरबत जिहाद जैसे अनावश्यक मुद्दे उठाए जा रहे है। इन मुद्दों पर लोगों को वास्तविकता से परिचित कराया जाना अति आवश्यक है। आज सद्भाव मंच को सुदृढ़ करने की अत्यंत आवश्यकता है तथा इसे जन जन तक ले जाने की आवश्यकता है।
स्काई चैनल के डायरेक्टर गोविंद शर्मा ने जमाअत की सांप्रदायिक सौहार्द्र कायम करने की इस कोशिश की सराहना की और कहा कि नफरत फैलाने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है। उन्होंने कहा कि सभी धार्मिक और सामाजिक संगठनों को अपने समाज के अपराधियों और अराजक तत्वों के अपराध की निंदा करनी चाहिए ताकि सभी में एक अच्छा संदेश जाए।
समाजसेवी राम पंजाबी ने भी सद्भाव मंच और जमाअत ए इस्लामी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सद्भावना मंच के सदस्य जलते दीपक के समान हैं जो बहुत सारे बुझे हुए दीपकों को जला सकते हैं। त्यौहारों का उद्देश्य लोगों के दिलों को जोड़ना और आपसी मतभेदों को दूर करना होता है इसलिए सभी को सभी त्यौहार मिल जुल कर मानने चाहिए।
यूथ फॉर अंबेडकर के प्रभाकर भारती ने कहा कि हम एक ऐसे देश के नागरिक है जो विविधता से भरा हुआ है। इसी विविधता में हमारी एकता है।
दैनिक हुकूमनामा के संपादक हेमंत साहू ने भी सद्भाव मंच और जमाअत के इस प्रयास की सराहना की और शुभकामनाएं दीं।
मसीह समाज के अरविंद लाल ने कहा कि यीशु मसीह का भी यही संदेश है कि सभी धर्मों के लोगों को आपसी प्रेम व सद्भाव के साथ रहना चाहिए।
प्रोफेसर जलालुद्दीन काठात ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि धर्म का मतलब धारण करना होता है।
जिस तरह एक शिष्य का धर्म शिक्षा ग्रहण करना होता है उसी तरह अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना ही धर्म है।
समाजसेवी पप्पू पहलवान, राजेंद्र सोनी और राजस्थान चीता मेहरात काठात महा सभा के अध्यक्ष रमेश काठात ने भी जमाअत और सद्भाव मंच के प्रयासों की सराहना की।
गाजी जी की डांग प्रधान शायर काठात ने कहा कि जिस तरह फौज में सभी फौजी सभी त्यौहार मिल जुल कर मनाते है उसी तरह देश में भी हम सभी को सभी त्यौहार मिल जुल कर मनाने चाहिए।
गर्ल्स इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन की अध्यक्ष शमामा बानो ने भी सभी धर्मों के लोगों को मिल जुल कर प्रेम और सद्भाव से रहने की आवश्यकता पर जोर दिया।
अंत में सद्भाव मंच के संयोजक रमेश यादव और जमाअत ए इस्लामी हिंद के सह सचिव मुमताज़ अली ने सभी मीडिया बंधुओं और आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम के बाद सभी ने मिलजुल कर स्नेहभोज तथा खीर का आनंद लिया ।



