वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
जीवन में लगातार संघर्ष, बाधाएं, मानसिक अशांति और असफलताएं नवग्रहों के अशुभ प्रभावों का परिणाम हो सकती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवग्रहों की शांति और उनके प्रतिकूल प्रभावों को दूर करने के लिए नवरत्न माला धारण करना अत्यंत लाभकारी माना गया है। यह माला केवल आध्यात्मिक ही नहीं, बल्कि भौतिक जीवन में भी अद्भुत सकारात्मक परिवर्तन लाने का माध्यम बनती है।
नवरत्न माला का विशेष महत्व
नवरत्न माला नौ प्रमुख रत्नों — मोती, मूंगा, पुखराज, हीरा, नीलम, गोमेद, लहसुनिया, पन्ना और माणिक्य — से बनी होती है। प्रत्येक रत्न एक विशिष्ट ग्रह से जुड़ा होता है और उसके सकारात्मक प्रभावों को जीवन में आकर्षित करता है। नवरत्न माला धारण करने से व्यक्ति को बल, वीर्य, साहस, और आरोग्य प्राप्त होता है, जिससे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में उन्नति के मार्ग खुलते हैं।
नवग्रहों की शांति का प्रभाव
अगर कोई ग्रह कुंडली में अशुभ फल दे रहा हो, तो नवरत्न माला धारण करने से उसकी अशांति शांत हो जाती है। इसके प्रभाव से:
- ग्रहों के प्रतिकूल प्रभाव कम हो जाते हैं।
- बिगड़े कार्य बनना शुरू हो जाते हैं।
- मानसिक तनाव से राहत मिलती है और मन में स्थिरता आती है।
- व्यापार, नौकरी और निजी जीवन में अटके कार्य गति पकड़ने लगते हैं।
- धन-सम्पत्ति में वृद्धि होती है और सौभाग्य बढ़ता है।
असाध्य रोगों पर भी लाभकारी प्रभाव
आयुर्वेद और ज्योतिष शास्त्र दोनों में यह माना गया है कि नवरत्न माला शरीर के ऊर्जात्मक केंद्रों को संतुलित करती है। यह माला असाध्य रोगों के प्रभाव को कम करने में मददगार साबित होती है, चाहे वह रोग शारीरिक हो या मानसिक। नियमित रूप से नवरत्न माला धारण करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है और आरोग्यता बनी रहती है।
व्यापार, विवाह और कार्यक्षेत्र में आ रही रुकावटों का समाधान
यदि कोई व्यक्ति निरंतर परिश्रम के बाद भी व्यापार में घाटा झेल रहा हो, कार्यक्षेत्र में असफलता मिल रही हो या विवाह में देरी हो रही हो, तो नवरत्न माला धारण करना अत्यधिक लाभकारी सिद्ध हो सकता है। यह माला जीवन की रुकावटों को दूर करती है और समृद्धि तथा शुभ अवसरों को आकर्षित करती है।
कैसे करें नवरत्न माला का धारण
- माला को धारण करने से पहले उसे किसी योग्य विद्वान पंडित से सिद्ध कराना चाहिए।
- सोमवार, गुरुवार या शनिवार को शुभ मुहूर्त में माला धारण करना उत्तम होता है।
- धारण करते समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखें और नवग्रह मंत्रों का जप करें।
- इसे गले या दाहिने हाथ में धारण किया जा सकता है।
विशेष सलाह
नवरत्न माला एक शक्तिशाली साधन है, किंतु इसका प्रभाव तभी पूर्ण रूप से प्राप्त होता है जब इसे सही विधि से धारण किया जाए और जीवन में सकारात्मक सोच और सत्कर्मों का पालन किया जाए।
नवरत्न माला पहनने की विशेष विधि और आवश्यक सावधानियाँ
1. शुभ मुहूर्त में करें धारण:
नवरत्न माला को धारण करने के लिए सोमवार, गुरुवार या शनिवार का दिन विशेष शुभ माना जाता है। इसे धारण करने से पहले शुभ मुहूर्त (अभिजीत मुहूर्त या ब्रह्म मुहूर्त) में विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए।
2. विधिपूर्वक सिद्ध कराएं:
माला को धारण करने से पूर्व किसी योग्य ब्राह्मण या विद्वान ज्योतिषी से इसकी शुद्धि और नवग्रहों के मंत्रों द्वारा सिद्धि कराना आवश्यक है। सिद्ध न की गई माला का पूर्ण लाभ नहीं मिलता।
3. शुद्धता का रखें विशेष ध्यान:
धारण करने से पहले स्वयं को स्नान करके शुद्ध करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। माला को भी गंगाजल या शुद्ध जल से धोकर पवित्र करें।
4. मंत्र उच्चारण करें:
माला धारण करते समय “ॐ नवग्रहाय नमः” या प्रत्येक ग्रह का बीज मंत्र जप करना अत्यंत लाभकारी होता है।
यदि संभव हो तो नवग्रह स्तुति या नवग्रह शांति पाठ भी करें।
5. धारण का स्थान:
नवरत्न माला को गले में या दाहिने हाथ में धारण करना चाहिए। गले में धारण करना सर्वाधिक प्रभावी माना जाता है।
6. धारण के बाद का आचरण:
- नवरत्न माला को पहनते समय सात्त्विकता बनाए रखें।
- मांसाहार, मद्यपान, असत्य भाषण और अत्यधिक क्रोध से बचें।
- नियमित रूप से भगवान सूर्य, चंद्र, मंगल आदि नवग्रहों को नमन करें।
7. माला को उतारने के नियम:
यदि कभी माला उतारनी हो तो उसे जमीन पर न रखें। उसे एक स्वच्छ कपड़े में लपेटकर किसी पूजनीय स्थान पर रखें।
जरूरत पड़ने पर ही माला को उतारें और यथासंभव उसे निरंतर धारण में रखें।
8. रत्नों की गुणवत्ता पर ध्यान दें:
माला में प्रयुक्त रत्न असली और शुद्ध होने चाहिए। नकली या दोषयुक्त रत्न पहनने से लाभ की बजाय हानि हो सकती है।
विश्वसनीय स्रोत से ही नवरत्न माला प्राप्त करें और उसकी प्रमाणिकता की जांच अवश्य करें।
- सभी लोग नवरत्न माला पहन सकते हैं?