✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
Sojat सोजत।
हिंदू धर्म में प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कालाष्टमी का पर्व मनाया जाता है, जो भगवान शिव के रौद्र और न्यायकारी स्वरूप भगवान काल भैरव को समर्पित होता है। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं, शत्रु नष्ट होते हैं और रोग-दोषों से मुक्ति मिलती है। साथ ही, तांत्रिक साधना और वास्तु शुद्धि के लिए यह दिन अत्यंत फलदायी माना जाता है।
मासिक कालाष्टमी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह की मासिक कालाष्टमी तिथि का प्रारंभ 20 मई, सुबह 5:51 बजे से हो रहा है और इसका समापन 21 मई को सुबह 4:55 बजे होगा। ऐसे में मासिक कालाष्टमी का व्रत 20 मई को ही रखा जाएगा और इसी दिन भैरव पूजा, व्रत, उपवास एवं उपाय करना सर्वाधिक शुभ फलदायी रहेगा।
कालाष्टमी पूजा विधि: ऐसे करें भगवान भैरव को प्रसन्न
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- घर के मंदिर या किसी भैरव मंदिर में भगवान काल भैरव की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
- भैरव जी को काले तिल, नारियल, सरसों का तेल और काले वस्त्र अर्पित करें।
- “ॐ कालभैरवाय नमः” मंत्र का 108 बार जप करें।
- कुत्ते को रोटी व गुड़ खिलाना और भैरव जी को मदिरा चढ़ाना इस दिन विशेष रूप से शुभ माना गया है।
- रात के समय भैरव चालीसा और काल भैरव अष्टक का पाठ करें।
मासिक कालाष्टमी का आध्यात्मिक महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने काल भैरव का प्राकट्य ब्रह्मा जी के अहंकार को दंडित करने हेतु किया था। इसलिए काल भैरव को ‘दंडाधिकारी देव’ के रूप में पूजा जाता है। इनकी उपासना करने से जीवन में व्याप्त नकारात्मक ऊर्जा, तंत्र बाधा, रोग, भय और शत्रुता समाप्त हो जाती है।
तंत्र साधना और वास्तु दोष निवारण का उत्तम अवसर
कालाष्टमी का दिन तांत्रिक दृष्टिकोण से अत्यंत शुभ होता है। जो लोग घर में वास्तु दोष का सामना कर रहे हैं, वे इस दिन डमरू खरीदकर पूजा के समय उसका वादन करें। मान्यता है कि ऐसा करने से महादेव प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।
भैरव देव के प्रभावशाली मंत्र
भक्त जन इस दिन निम्न मंत्रों का जप कर विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं—
- ॐ नमो भैरवाय स्वाहा।
- ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय भयं हन।
- ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय शत्रु नाशं कुरु।
- ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय तंत्र बाधाम नाशय नाशय।
- ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय कुमारं रक्ष रक्ष।
मासिक कालाष्टमी पर भगवान काल भैरव की उपासना करना न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है, बल्कि जीवन के कष्टों, डर, और अज्ञात संकटों से भी रक्षा करता है। यह दिन जीवन में ऊर्जा, उत्साह और आत्मविश्वास का संचार करने का उत्तम अवसर है। इसलिए भक्ति भाव से इस दिन को मनाएं और भैरव बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करें।