✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
भरतपुर/सोमका। भ्रष्टाचार के खिलाफ राजस्थान एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) की कार्रवाई लगातार जारी है। ताजा मामला भरतपुर जिले के कुम्हेर तहसील के सोमका गांव से सामने आया है, जहां खेत की पैमाइश कराने के नाम पर पटवारी द्वारा रिश्वत मांगने का मामला प्रकाश में आया है। एसीबी ने कार्रवाई करते हुए पटवारी प्रवीण कुमार को ₹30,000 की पहली किश्त लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है।
रिश्वत की रकम थी ₹70,000, पहली किश्त में पकड़ाया
जानकारी के अनुसार, भरतपुर के सोमका गांव निवासी एक किसान ने अपनी कृषि भूमि की पैमाइश करवाने के लिए आवेदन किया था। इस प्रक्रिया के लिए नियमानुसार कोई शुल्क नहीं लिया जाता, लेकिन पटवारी प्रवीण कुमार ने किसान से ₹70,000 की रिश्वत की मांग की। किसान ने इसकी शिकायत एसीबी भरतपुर कार्यालय में दर्ज करवाई। एसीबी ने शिकायत को सत्यापित किया और योजना के तहत पटवारी को रंगे हाथों पकड़ने की कार्रवाई की गई।
एसीबी टीम ने रची योजना, रंगे हाथों पकड़ा गया आरोपी
शिकायत की पुष्टि होने के बाद एसीबी ने ट्रैप की योजना बनाई। किसान को ₹30,000 की पहली किश्त देने के लिए कहा गया और जैसे ही पटवारी प्रवीण कुमार ने यह राशि स्वीकार की, एसीबी टीम ने मौके पर दबिश दी और उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। रिश्वत की राशि मौके से बरामद कर ली गई है।
एसीबी के अधिकारी बोले – सबूत पुख्ता, आगे की कार्रवाई जारी
भरतपुर एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने जानकारी देते हुए बताया कि पटवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के पुख्ता सबूत मिले हैं। आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।
पटवार हलका और तहसील में हड़कंप, ग्रामीणों में नाराज़गी
पटवारी की गिरफ्तारी की खबर के बाद पटवार हलका और तहसील कार्यालय में हड़कंप मच गया है। ग्रामीणों का कहना है कि पटवारी लंबे समय से ऐसे कार्यों में संलिप्त था और गरीब किसानों को परेशान कर अवैध वसूली करता था। अब एसीबी की कार्रवाई से लोगों को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।
राज्य सरकार द्वारा भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की दिशा में एसीबी की यह कार्रवाई एक सकारात्मक संकेत है। ऐसे अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही होना न केवल एक मिसाल बनती है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अब आम नागरिक भी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और प्रशासन सक्रियता से उसे दबोच रहा है।