✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
12 जून 2025
जयपुर।
राजस्थान में 2700 करोड़ रुपए के बहुचर्चित मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार सुबह बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रदेश के चार बड़े शहरों सहित गुजरात और दिल्ली में एक साथ छापेमारी की है। इस कार्रवाई ने प्रदेश की राजनीति और आर्थिक गलियारों में हलचल मचा दी है। जयपुर, सीकर, जोधपुर और झुंझुनूं के साथ-साथ गुजरात के अहमदाबाद और दिल्ली में ईडी की टीमें सुबह से ही सक्रिय हैं।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई बहुचर्चित “नेक्सा एवर ग्रीन” प्रोजेक्ट से जुड़ी हुई है, जिसमें हजारों निवेशकों को बड़े रिटर्न का झांसा देकर मोटी रकम निवेश करवाई गई थी। इस घोटाले में अब तक राजस्थान पुलिस द्वारा सैकड़ों एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं, जिसके बाद अब प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से जांच की कमान संभाल ली है।
क्या है “नेक्सा एवर ग्रीन” घोटाला?
सूत्रों के मुताबिक, “नेक्सा एवर ग्रीन” नामक रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में निवेशकों को यह कहकर फंसाया गया कि अगर वे एक निश्चित राशि निवेश करेंगे, तो कुछ सालों में उन्हें उससे कहीं अधिक रिटर्न मिलेगा — वह भी नकद या प्रॉपर्टी के रूप में।
शुरुआत में कुछ लोगों को लाभ देकर बाकियों को फंसाया गया और धीरे-धीरे इस स्कीम में हजारों लोग जुड़ते चले गए। जब पैसे लौटाना बंद हुआ, तो कई जिलों में पीड़ितों ने संबंधित अधिकारियों और कंपनियों के खिलाफ थानों में रिपोर्ट दर्ज करवाई।
किन जगहों पर चल रही है ईडी की छापेमारी?
ईडी की टीमें एक साथ कई ठिकानों पर कार्रवाई कर रही हैं। जिन शहरों में प्रमुख रूप से छापे चल रहे हैं उनमें शामिल हैं:
- जयपुर: प्रोजेक्ट के मुख्य ऑफिस और प्रमोटरों के ठिकानों पर
- सीकर: स्थानीय एजेंट और रियल एस्टेट लिंक वाले स्थानों पर
- जोधपुर व झुंझुनूं: सहायक कंपनियों और फाइनेंसरों के घर
- गुजरात (अहमदाबाद): हवाला नेटवर्क और फर्जी कंपनियों की जांच
- दिल्ली: फंड मूवमेंट और डॉक्यूमेंटेशन से जुड़े दफ्तर
2700 करोड़ कैसे घुमाया गया?
जांच एजेंसी के अनुसार, निवेशकों से लिए गए पैसों को फर्जी कंपनियों और शेल अकाउंट्स के जरिए कई स्तरों पर घुमाया गया। इन पैसों को कई राज्यों में रियल एस्टेट, सोना-चांदी के कारोबार, हवाला और क्रिप्टो के जरिए सफेद करने की कोशिश की गई।
ईडी को संदेह है कि इस पूरे घोटाले में कई प्रभावशाली राजनीतिक और कारोबारी नाम भी शामिल हैं, जिनकी भूमिका की जांच की जा रही है।
अब आगे क्या?
ईडी की इस कार्रवाई के बाद अब मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मुख्य आरोपियों को तलब किया जाएगा। जिन दस्तावेजों, हार्ड डिस्क्स और डिजिटल ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड को जब्त किया गया है, उनकी जांच के बाद अगले चरण में गिरफ्तारियां संभावित हैं।
ईडी के सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई फिलहाल शुरुआती चरण में है और आने वाले दिनों में इसका दायरा और भी बढ़ सकता है।
यह खबर अपडेट की जा रही है… नए तथ्यों और नामों के सामने आने के साथ अपडेट जारी रहेगा।