पाली।
अगर आपके साथ साइबर फ्रॉड हुआ है तो घबराएं नहीं, बल्कि तीन दिन के भीतर बैंक को लिखित सूचना जरूर दें। क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की गाइडलाइन और उच्च न्यायालय (High Court) के आदेश के अनुसार, यदि ग्राहक समय पर शिकायत करता है तो बैंक की जिम्मेदारी बनती है कि वह ग्राहक की संपूर्ण साइबर फ्रॉड की राशि को वापस लौटाए।
यह जानकारी पाली जिले के आर.टी.आई. कार्यकर्ता और लीगल माइंड मोहम्मद फैजान ने साझा की है। उन्होंने बताया कि आम जनता को इस दिशा में अधिक जागरूक होने की जरूरत है क्योंकि आजकल साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और लोगों को उनके अधिकारों की जानकारी नहीं होती, जिस कारण वे नुकसान उठाते हैं।
🔍 क्या कहती है RBI की गाइडलाइन और कोर्ट का आदेश?
- यदि कोई ग्राहक साइबर धोखाधड़ी का शिकार होता है और 3 दिन के भीतर बैंक को इसकी सूचना देता है, तो बैंक उस ग्राहक को पूरी राशि लौटाने का जिम्मेदार होगा।
- बैंक सिर्फ उतनी ही राशि पर होल्ड लगा सकता है जितनी फ्रॉड की गई है, पूरा अकाउंट फ्रीज करना अवैध है।
- उदाहरण के तौर पर अगर 500 रुपए की धोखाधड़ी हुई है, तो बैंक सिर्फ 500 रुपए तक की ही रकम को होल्ड कर सकता है, उससे अधिक नहीं।
🧾 क्या करें फ्रॉड होने पर?
- तुरंत अपनी बैंक शाखा में जाकर लिखित शिकायत दर्ज कराएं।
- शिकायत की रसीद या कॉपी जरूर लें।
- टोल फ्री साइबर हेल्पलाइन 1930 या www.cybercrime.gov.in पर भी रिपोर्ट करें।
- अपने बैंक स्टेटमेंट और फ्रॉड से जुड़ी डिटेल्स सुरक्षित रखें।
📌 फैजान का अपील: जनता अपने अधिकारों को पहचाने
मोहम्मद फैजान ने बताया कि लोग साइबर फ्रॉड होने के बाद डर के कारण चुप रहते हैं या देर से शिकायत करते हैं, जिससे उन्हें राशि वापसी नहीं मिल पाती। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे समय पर उचित कार्रवाई करें और यह जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं।
👇 यह जानकारी जरूर शेयर करें, ताकि कोई और ठगी का शिकार न बने।
आपका अपना –
✍️ मोहम्मद फैजान
R.T.I. Activist (Legal Mind)
📞 मो. 9251542437
🏠 जिला – पाली (राजस्थान)
जनहित में जारी – साइबर सुरक्षा से जुड़ी जागरूकता अभियान के अंतर्गत