✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
🌄 आज का विशेष योग: योगिनी एकादशी + शनिवार = दुर्लभ पुण्यदायी अवसर
आज आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है, जो प्रात: 7:21 AM तक दशमी रहने के बाद एकादशी में परिवर्तित हो गई है। यह तिथि “योगिनी एकादशी” के रूप में प्रसिद्ध है। इस बार का योग विशेष इसलिए भी है क्योंकि आज शनिवार का दिन भी है, जो शनि देव को समर्पित माना जाता है। ऐसे में योगिनी एकादशी और शनिवार का संगम दुर्लभ पुण्य प्रदान करता है।
🕉️ विशेष मंत्र:
“ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:”
इस महामंत्र का जाप करने से शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
🌳 शनिवार की पूजा विधि:
आज शनिवार के दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए निम्न उपाय अत्यंत फलदायी माने गए हैं:
🔹 प्रात:काल पीपल के वृक्ष में
- दूध मिश्रित मीठा जल अर्पित करें।
- 7 परिक्रमा करें।
🔹 सांयकाल पीपल अथवा शमी के नीचे
- सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें।
- शनि चालीसा और शनि स्तोत्र का पाठ करें।
इन उपायों से शनि देव के प्रकोप से राहत मिलती है, शत्रु शांत होते हैं और जीवन में स्थिरता आती है।
🪷 योगिनी एकादशी व्रत का महत्व:
योगिनी एकादशी को सभी व्रतों में सर्वोत्तम कहा गया है।
स्कंद पुराण के अनुसार, इस व्रत को करने से:
✔️ जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
✔️ रोग, शोक और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
✔️ अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है।
व्रत विधि:
- प्रात: स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा करें।
- तुलसी दल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
- व्रत रखें और व्रत कथा का श्रवण करें।
❌ एकादशी पर वर्ज्य आहार:
एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित माना गया है।
पुराणों के अनुसार, इस दिन चावल खाने से व्रत का फल नष्ट हो जाता है और पाप लगता है।
आज का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ और पुण्यदायक है। यदि आपने आज के दिन योगिनी एकादशी व्रत और शनि पूजा विधिपूर्वक की, तो जीवन की तमाम बाधाएं समाप्त होकर मार्ग प्रशस्त होता है।
इसलिए यह शुभ अवसर न गंवाएं और धर्म के इस सुंदर संगम को जीवन में उतारें।
🌐 कृपया इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाएं, ताकि सबको इस पुण्य अवसर का लाभ मिल सके।