वरिष्ठ पत्रकार चेतनजी व्यास कि रिपोर्ट।
पाली/सोजत, 21 जून — अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राजस्थान युवा मंडल प्रोत्साहन (आरवाईएमपी) योजना के कार्मिकों ने एक बार फिर अपने भविष्य को लेकर आवाज बुलंद की है। सोजत क्षेत्र के आरवाईएमपी कार्मिकों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को फैक्स के जरिए ज्ञापन भेजकर उन्हें अटल प्रेरक के रूप में सम्मानजनक रोजगार प्रदान करने की मांग की है।
ज्ञापन में कार्मिकों ने उल्लेख किया कि वे लंबे समय से सेवा दे रहे हैं, परंतु अब तक उनके भविष्य को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। पाली जिले की सरोज कुमारी और सूरज सोलंकी पूर्व में अपनी पुनः बहाली को लेकर आमरण अनशन पर भी बैठ चुके हैं।
इसके अतिरिक्त जिले के अन्य आरवाईएमपी कार्मिक जैसे सुरेश नेतरा, अर्जुन गहलोत, दिक्षांत, मोहित, मनीष भाटी, जयेश दवे, अतुल, राहुल सिंघाडिया, रूपाराम, भीमराज, सांवल, प्रभात व्यास, हनवंत सिंह, गुमान सिंह, महावीर सिंह, मुकेश कुमार, राजाराम, रमेश, कैलाश कुमार, जितेंद्र कुमार, रेखा, जगदीश, नरपत, चेलाराम, भरत कुमार, महेंद्र चौधरी, तोलाराम, हिमताराम, शाहरुख, छगन सिंह, नरेश कुमार, राकेश शर्मा, छोटूलाल सैनी, सुनीता शर्मा, रजिया हुसैन, निखिल, शैलेश देवासी, ताराशंकर, गौरीशंकर आदि ने भी ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है।
कार्मिकों का कहना है कि आरवाईएमपी के तहत उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, सामाजिक जागरूकता एवं अन्य विकासात्मक गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाई है, ऐसे में उन्हें सेवा से हटाना न केवल अन्याय है, बल्कि प्रदेश के युवाओं की मेहनत और समर्पण के साथ भी खिलवाड़ है।
अब देखना यह है कि सरकार इस मांग पर क्या रुख अपनाती है और क्या आरवाईएमपी कार्मिकों को उनका सम्मानजनक भविष्य मिल पाता है या नहीं।
