सोजत न्यूज़ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
गणपति बप्पा की पांच प्रिय वस्तुएं, जिनसे होते हैं प्रसन्न,घर पर गणपति पूजन विधिघर पर गणपति पूजन विधिघर पर गणपति पूजन विधिघर पर गणपति पूजन विधि
गणेश महोत्सव की धूम पूरे देशभर में है। हर ओर बप्पा के स्वागत और पूजा की तैयारियां जोरों पर हैं। मान्यता है कि गणेश जी को प्रसन्न करना बेहद सरल है, लेकिन इसके लिए यह जानना ज़रूरी है कि उन्हें कौन-कौन सी वस्तुएं सबसे प्रिय हैं। यदि पूजा में इन वस्तुओं का प्रयोग किया जाए तो भगवान गणेश शीघ्र प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। आइए जानते हैं गणपति की पांच प्रिय वस्तुएं—
1. मोदक
भगवान गणेश को भोजन विशेष रूप से प्रिय है। उनका एक नाम लंबोदर भी इसी वजह से है। उन्हें खासकर मोदक बेहद पसंद हैं। चाहे बेसन के लड्डू हों या मोतीचूर के, लेकिन विशेष रूप से स्टीम्ड मोदक (उकडीचे मोदक) गणेश जी के भोग में सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
2. गेंदा फूल
पूजा में हर प्रकार के पीले फूल अर्पित किए जा सकते हैं, लेकिन पीला गेंदा भगवान गणेश को अत्यंत प्रिय है। गेंदा के फूल की माला चढ़ाने से बप्पा शीघ्र प्रसन्न होते हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
3. दूर्वा (त्रिदल घास)
गणेश जी को दूर्वा घास फूलों से भी अधिक प्रिय है। मान्यता है कि दूर्वा से उनकी पूजा करने पर विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं। ध्यान रहे कि दूर्वा तीन या पाँच फुनगी वाली ही चढ़ानी चाहिए।
4. शंख
गणेश जी के हाथों में शंख भी दर्शाया गया है। उन्हें शंख की ध्वनि अत्यंत प्रिय है। इसीलिए गणेश पूजा और आरती के समय शंख बजाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
5. केला
भगवान गणेश का एक नाम गजमुख है। जैसे हाथी को केले अत्यधिक प्रिय होते हैं, वैसे ही गणपति को भी केला बेहद पसंद है। पूजा में केले का भोग लगाने से बप्पा प्रसन्न होकर भक्तों की इच्छाएं पूरी करते हैं।
यदि गणेश चतुर्थी या किसी भी शुभ कार्य में इन पाँच वस्तुओं—मोदक, गेंदा फूल, दूर्वा, शंख और केले—का प्रयोग किया जाए, तो गणपति बप्पा प्रसन्न होकर भक्तों के जीवन से विघ्न दूर करते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
घर पर गणपति पूजन विधि (Ganpati Poojan Vidhi)
1. पूजन की तैयारी
- घर को साफ़-सुथरा करें और पूजन स्थान को पवित्र जल से शुद्ध करें।
- लकड़ी का एक चौकी/पट्ट रखें और उस पर लाल कपड़ा बिछाएँ।
- चौकी पर चावल की ढेरी रखें और उस पर गणेश जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
2. पूजन सामग्री
- गणपति की मूर्ति/चित्र
- अक्षत (चावल)
- दूर्वा घास (तीन या पाँच फुनगी वाली)
- गेंदा या पीले फूल
- मोदक, लड्डू या अन्य नैवेद्य
- धूप, दीप, कपूर
- सिंदूर, हल्दी, रोली
- शंख और घंटी
- पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, शक्कर का मिश्रण)
3. संकल्प
- आसन पर बैठकर हाथ में जल, फूल और चावल लेकर गणपति पूजन का संकल्प करें।
- भगवान गणेश का ध्यान कर अपने व्रत या पूजन का उद्देश्य बताएं (जैसे सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य, परिवार का कल्याण आदि)।
4. गणपति की पूजा
- आवाहन व ध्यान – “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करते हुए भगवान का ध्यान करें।
- पाद्य, अर्घ्य, आचमन – प्रतीक स्वरूप भगवान को जल अर्पित करें।
- अभिषेक – गणपति को पंचामृत और शुद्ध जल से स्नान कराएँ।
- वस्त्र व आभूषण – लाल या पीले वस्त्र अर्पित करें।
- सिंदूर और दूर्वा – गणपति को सिंदूर चढ़ाएँ। दूर्वा विशेष रूप से मस्तक पर अर्पित करें।
- फूल और माला – गेंदा या पीले फूल अर्पित करें, माला पहनाएँ।
- भोग – मोदक, लड्डू, केला आदि नैवेद्य चढ़ाएँ।
- आरती – शंख और घंटी बजाकर गणपति की आरती करें।
5. मंत्र
गणपति पूजन में यह मुख्य मंत्र अवश्य बोलें:
“ॐ गं गणपतये नमः”
(इसे कम से कम 11, 21 या 108 बार जपें)
6. समापन
- आरती और प्रसाद वितरण के बाद पूजन समाप्त करें।
- अंत में भगवान गणेश से प्रार्थना करें कि वे सभी विघ्न दूर करें और घर में सुख-शांति का वास करें।
✨ विशेष ध्यान रखें:
- पूजा में दूर्वा और मोदक अवश्य होना चाहिए।
- पूजा का समय सुबह अथवा संध्या सबसे शुभ होता है।
- पूजा करते समय पूरे मन से और श्रद्धा भाव से करें।