अकरम खान की रिपोर्ट।
कवि सुरेंद्र शर्मा एक प्रसिद्ध भारतीय हास्य कवि, लेखक और व्यंग्यकार हैं, जिनका जन्म 29 जुलाई 1945 को हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में हुआ था.
दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (SRCC) से स्नातक की डिग्री प्राप्त करने वाले शर्मा अपनी पंचलाइन “चार लैना सुना रयो हूँ” के लिए घर-घर में पहचाने जाते हैं.

उन्होंने हास्य कविता में एक अलग पहचान बनाई है।
और उन्हें 2013 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है.
प्रमुख बिंदु
जन्म: 29 जुलाई 1945 को महेंद्रगढ़, हरियाणा में.
शिक्षा: दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से वाणिज्य में स्नातक.
शैली:
अपनी हास्य कविताओं और हरियाणवी व मारवाड़ी लहजे के प्रयोग के लिए जाने जाते हैं.
प्रसिद्ध रचना: ‘चार लैना सुना रयो हूँ’ उनकी पहचान बन गई.
सम्मान: 2013 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

योगदान और उपलब्धियां
कवि सम्मेलनों में:
उन्होंने कवि सम्मेलनों को एक नई दिशा दी और हास्य रस की परंपरा को स्थापित किया.
साहित्यिक योगदान: उन्होंने ‘मानसरोवर के कौवे’, ‘बुद्धिमानों की मूर्खताएँ’ और ‘बड़े-बड़ों के उत्पात’ जैसे व्यंग्य संग्रह भी लिखे हैं.
सामाजिक और राजनीतिक मुद्दे: अपनी कविताओं के माध्यम से वे सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर भी व्यंग्यपूर्ण टिप्पणी करते हैं.
अन्य भूमिकाएँ: वे हरियाणा साहित्य अकादमी और दिल्ली हिंदी अकादमी के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं.फिल्म सेंसर बोर्ड के सदस्य भी रहे।
कवि सुरेंद्र शर्मा ने हास्य कविता को एक नया आयाम दिया है और उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए हास्य व्यंग ने लाखों करोड़ो लोगों का वर्षो से मनोरंजन के साथ एक सार्थक सिख भी दी है .
देश के हास्य और व्यंग है हस्ताक्षर कहे जाने वाले पदमश्री श्री सुरेंद्र शर्मा सोजत महोत्सव के अन्तर्गत नगरपालिका सोजत द्वारा करवाए जा रहे रसरंग कवि सम्मेलन मे आज शाम सोजत सिटी मे अपनी प्रसतुतीयां दे कर इस कवि सम्मेलन को नयी ऊचाइयाँ देगे।
नगरपालिका सोजत आप सभी को इस कवि सम्मेलन मे सादर आमंत्रित करती है।