
सोजत न्यूज़ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
मास्को। रूस और अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियों के बीच एक लंबे समय से चल रही खींचतान में नया मोड़ आ गया है। सोमवार, 28 अक्टूबर 2024 को रूस की एक अदालत ने अमेरिकी टेक कंपनी गूगल पर लगभग 2.5 अंडसिलियन रूबल या लगभग 25 डेसिलियन अमरीकी डॉलर का भारी-भरकम जुर्माना लगाया। इस जुर्माने की राशि इतनी विशाल है कि इसे संपूर्ण वैश्विक GDP से भी अधिक आंका गया है।
एक अंडसिलियन में 1 के बाद 36 शून्य होते हैं, जबकि एक डेसिलियन में 1 के बाद 33 शून्य होते हैं। इसका अर्थ यह है कि गूगल को 20,000,000,000,000,000,000,000,000,000,000,000,000,000,000 डॉलर का जुर्माना अदा करना होगा। यह राशि गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट की मार्केट कैप से भी कहीं ज्यादा है, जबकि पूरी दुनिया की कुल GDP लगभग 100 ट्रिलियन डॉलर के आसपास मानी जाती है।
जुर्माने का कारण और विवाद की पृष्ठभूमि
यह जुर्माना रूस में गूगल द्वारा कई मीडिया चैनलों पर प्रतिबंध लगाने के कारण लगाया गया है। इस विवाद की शुरुआत 2020 में हुई थी, जब गूगल ने रूस के कुछ राष्ट्रवादी चैनलों, जैसे ज़ारग्रेड, को अपने प्लेटफॉर्म से हटाया था। इसके चलते रूस के कई मीडिया संस्थान अदालत में पहुंचे और प्रतिबंध हटाने की माँग की। रूस की अदालत ने गूगल को इन चैनलों को बहाल करने का आदेश दिया था, जिसे गूगल ने नजरअंदाज कर दिया।
TASS के वकील इवान मोरोज़ोव ने बताया कि अदालत ने गूगल को पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर प्रतिबंधित चैनल बहाल नहीं किए गए, तो गूगल पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अब अदालत ने गूगल पर बड़ा जुर्माना लगा दिया है, जिसे भरने का समय 9 महीने तय किया गया है। यदि यह जुर्माना गूगल द्वारा तय समय सीमा में नहीं भरा जाता है, तो यह राशि हर दिन दोगुनी होती जाएगी।
*गूगल की रूस से वापसी के हालात*
गूगल ने 2022 में रूस में अपना व्यापार बंद कर दिया था, जब रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष शुरू हुआ। रूस में गूगल की सेवाओं का प्रबंधन करने वाली कंपनी इस कानूनी विवाद के चलते दिवालिया हो गई थी। अब गूगल के रूस में वापस आने की संभावना तभी बनेगी जब यह भारी-भरकम जुर्माना भर दिया जाएगा। हालाँकि, यह संभावना बहुत कम मानी जा रही है कि गूगल इतनी बड़ी राशि चुका पाएगी।
ऐतिहासिक जुर्माने के साथ दिलचस्प तथ्य
यह राशि इतनी विशाल है कि इसे गिनना और समझ पाना भी मुश्किल है। गूगल का नाम ‘Googol’ से लिया गया था, जिसमें 1 के बाद 100 शून्य होते हैं। गूगल के संस्थापक लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने अपनी कंपनी का नाम ‘Googol’ रखना चाहा था, लेकिन टाइपिंग में गलती के कारण इसे ‘Google’ के रूप में रजिस्टर कर दिया गया।
यह मामला रूस और पश्चिमी टेक्नोलॉजी कंपनियों के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है। गूगल के लिए यह जुर्माना न केवल आर्थिक रूप से बल्कि प्रतिष्ठा के लिहाज से भी एक बड़ा झटका है।