सोजत न्यूज़ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा

सोजत से देसूरी, 8 नवंबर – बोराणा घांची समाज की 13वीं वार्षिक पैदल यात्रा में समाज के 200 से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया, जो अपनी कुलदेवी नामा माता के दर्शन हेतु देसूरी से चारभुजा तक की कठिन यात्रा पर निकले हैं। तीन दिन तक चलने वाली इस यात्रा में श्रद्धालु विभिन्न पड़ावों पर विश्राम करते हुए मंदिर तक पहुंचेंगे।
पदयात्रा का शुभारंभ पारंपरिक विधि-विधान और मंत्रोच्चार के साथ हुआ। श्रद्धालुओं ने यात्रा के दौरान अपने समाज की एकता और सामुदायिक भावना का प्रदर्शन किया। स्थानीय मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और भजन संध्या का आयोजन भी किया गया।
पदयात्रा के मुख्य पड़ाव
इस यात्रा में देसूरी से लेकर चारभुजा मंदिर तक के रास्ते में कई मुख्य पड़ाव निर्धारित किए गए हैं, जहां श्रद्धालुओं के लिए भोजन, चिकित्सा और आराम की व्यवस्था समाज के स्थानीय सदस्यों और भक्तों द्वारा की गई है।
इस साल की यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं ने बताया कि वे हर साल इस यात्रा का बेसब्री से इंतजार करते हैं। यह यात्रा उन्हें अपनी कुलदेवी के प्रति आस्था और समाज की एकजुटता को बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण माध्यम मानते हैं।
समाज की युवा पीढ़ी का जोश और भागीदारी
इस यात्रा में समाज के वरिष्ठ सदस्यों के साथ-साथ युवाओं की भी भागीदारी देखने को मिली है। समाज के वरिष्ठों का कहना है कि नई पीढ़ी की इस यात्रा में रुचि और भागीदारी से समाज के संस्कारों और परंपराओं का संरक्षण होता है।
नामा माता का महत्व
नामा माता को बोराणा घांची समाज की कुलदेवी माना जाता है, और समाज के लोगों की आस्था है कि उनके दर्शन करने से समाज और परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है।
तीन दिन की इस यात्रा का समापन चारभुजा मंदिर में नामा माता की पूजा-अर्चना के साथ होगा, जिसमें सभी श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने की प्रार्थना करेंगे।