✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
काल सर्प दोष क्या है?
भारतीय ज्योतिष में काल सर्प दोष को जातक के जीवन में नकारात्मक प्रभाव डालने वाला एक प्रमुख दोष माना गया है। 12 प्रकार के काल सर्प दोषों में अनन्त काल सर्प दोष का पहला स्थान है। यह तब उत्पन्न होता है, जब कुंडली में राहु पहले भाव (लग्न) में और केतु सातवें भाव में स्थित हों और इनके बीच सभी ग्रह आ जाएं। यह दोष जातक के पूर्व जन्म के जघन्य अपराधों या श्राप के फलस्वरूप बनता है।
अनन्त काल सर्प दोष के दुष्प्रभाव
1. पारिवारिक कलह: परिवार के सदस्यों के बीच मतभेद और विवाद बने रहते हैं।
2. व्यवसाय में नुकसान: व्यापार में असफलता और यदि पार्टनरशिप हो तो धोखाधड़ी की संभावना रहती है।
3. मानसिक तनाव: जातक मानसिक रूप से परेशान रहता है और जीवन में संतुलन की कमी महसूस करता है।
4. आत्मकेंद्रित स्वभाव: व्यक्ति किसी की सलाह या निर्देश सुनने के बजाय अपनी इच्छानुसार कार्य करता है।
निवारण के उपाय
1. रुद्राक्ष धारण करें:
एकमुखी रुद्राक्ष: यह दोष निवारण में अत्यधिक प्रभावी माना जाता है।
आठमुखी और नौमुखी रुद्राक्ष: इन्हें धारण करने से मानसिक शांति और व्यापार में सफलता मिलती है।
2. विधिवत पूजा-पाठ:
काल सर्प दोष निवारण के लिए ज्योतिषाचार्य से परामर्श लेकर विशेष पूजा कराएं।
शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाएं और महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
3. भगवान शिव की उपासना:
सोमवार के दिन उपवास रखें और शिव मंदिर में जाकर रुद्राभिषेक करें।
शिव चालीसा का पाठ नियमित रूप से करें।
विशेष सलाह
अनन्त काल सर्प दोष से प्रभावित जातकों को अपने जीवन में संयम और धैर्य बनाए रखना चाहिए।
नियमित रूप से ध्यान और योग करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है।
ज्योतिषीय परामर्श से जीवन में सुधार की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जा सकते हैं।
निष्कर्ष
अनन्त काल सर्प दोष के कारण जीवन में कठिनाइयां और चुनौतियां आ सकती हैं, लेकिन सही उपायों और श्रद्धा के साथ पूजा-पाठ करने से इन समस्याओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है। धार्मिक उपायों और सकारात्मक दृष्टिकोण से जीवन को सुखद और सफल बनाया जा सकता है।