बाड़मेर। साइबर ठगों ने अब सरकारी वेबसाइट्स को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है। राजस्थान में किसानों को रबी और खरीफ फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा आदान-अनुदान राशि ट्रांसफर की जा रही थी, लेकिन साइबर हैकरों ने पटवारियों, तहसीलदारों और बीडीओ की एसएसओ आईडी (SSO ID) हैक कर हजारों किसानों के बैंक खाता नंबर डिलीट कर दिए और उनकी जगह अपने खाते जोड़ दिए। जैसे ही सरकार पैसा ट्रांसफर करती, ठग राशि पर कब्जा कर लेते।

सरकारी वेबसाइट पर बड़ा साइबर हमला: SSO ID हैक कर किसानों के खातों की जगह फर्जी खाते जोड़े, प्रदेशभर में हड़कंप!
बाड़मेर में 3000 किसानों के खाते बदल दिए
सिर्फ बाड़मेर जिले में 3,000 किसानों के खाते हैक किए गए। पूरे राजस्थान में हजारों किसानों के आधार और जन आधार डेटा के साथ छेड़छाड़ की गई है। इस फर्जीवाड़े की भनक लगने के बाद सरकार ने DMIS पोर्टल से होने वाले सभी ट्रांजेक्शन पर रोक लगाकर जांच शुरू कर दी है।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
केस 1: बाड़मेर जिले के श्रीरामवाला गांव के किसान लिखमाराम को खरीफ 2023 के तहत ₹17,000 की राशि मिलनी थी। लेकिन हैकर्स ने पटवारी की एसएसओ आईडी हैक कर किसान का खाता हटाकर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, मनोहर थाना शाखा का खाता नंबर जोड़ दिया।
केस 2: धनाऊ गांव के किसान जगदीश के ₹17,000 के अनुदान के लिए सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक का खाता बदलकर बैंक ऑफ बड़ौदा, अजमेर शाखा का खाता जोड़ दिया गया।
जब अंतिम रूप से ट्रांजेक्शन का मिलान किया जा रहा था, तब बाहरी जिलों की बैंकों के खाता नंबर और IFSC कोड सामने आने पर यह फर्जीवाड़ा उजागर हुआ।
सरकारी अधिकारियों के बयान
आनंद कुमार, अति. मुख्य सचिव, आपदा प्रबन्धन विभाग:
“हमें जिलों से किसानों के डेटा में बदलाव की शिकायतें मिली हैं। हमने DMIS पोर्टल से सभी ट्रांजेक्शन पर रोक लगाई है। फर्जीवाड़े की जांच की जा रही है।”
राजेंद्रसिंह चांदावत, एडीएम, बाड़मेर:
“करीब 3,000 किसानों के खातों में गड़बड़ी का पता चला है। ट्रांजेक्शन रोककर किसानों के पैसे की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।”
सरकार ने क्या कदम उठाए?
इस घटना के बाद सभी जिलों में SSO ID सुरक्षा बढ़ाने और डेटा एन्क्रिप्शन मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही सरकार ने साइबर क्राइम यूनिट को जांच का जिम्मा सौंपा है।
सावधानी:
किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपने आधार और बैंक खातों से जुड़ी जानकारी गुप्त रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करें।