✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
नई दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का शुक्रवार सुबह निधन हो गया। वे 91 वर्ष के थे। लंबे समय से बीमार चल रहे मनमोहन सिंह ने दिल्ली के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। राजनीति, उद्योग, और सामाजिक क्षेत्रों से जुड़े दिग्गजों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
भारत के आर्थिक सुधारों के जनक
डॉ. मनमोहन सिंह का नाम देश में आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में हमेशा याद किया जाएगा। 1991 में जब भारत गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा था, तब उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में उदारीकरण, वैश्वीकरण और निजीकरण की नीतियों को लागू कर भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी। उनकी नीतियों ने भारत को वैश्विक मंच पर एक प्रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित किया।
प्रधानमंत्री के रूप में उपलब्धियां
मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में सेवा दी। उनके कार्यकाल में भारत ने अभूतपूर्व आर्थिक विकास देखा। शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उनकी सरकार ने कई क्रांतिकारी योजनाएं लागू कीं। मनरेगा, आरटीई और खाद्य सुरक्षा अधिनियम जैसे कार्यक्रम उनकी दूरदृष्टि का परिणाम हैं।
संवेदनशील और ईमानदार छवि
डॉ. सिंह को उनकी सादगी, ईमानदारी और संवेदनशीलता के लिए जाना जाता था। राजनीति में रहते हुए भी वे विवादों से दूर रहे और अपनी विद्वता और विनम्रता से सभी का दिल जीता। वे एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने राजनीति को सेवा का माध्यम माना और अपने जीवन को पूरी तरह से देश के लिए समर्पित कर दिया।
नेताओं और आम जनता की प्रतिक्रियाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह का जाना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। वे एक असाधारण नेता, विद्वान और सच्चे देशभक्त थे।” कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “डॉ. सिंह कांग्रेस के लिए एक स्तंभ थे। उनकी कमी हमेशा खलेगी।”
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई
डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए कांग्रेस मुख्यालय में रखा जाएगा। देशभर के लोग अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचेंगे।
एक प्रेरणा और आदर्श
डॉ. सिंह का जीवन हर भारतीय के लिए प्रेरणा है। वे हमेशा अपनी सरलता, ज्ञान और कार्य के प्रति समर्पण के लिए याद किए जाएंगे। उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।