भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में 25 दिसंबर 2024 को निधन हो गया। उनकी तबीयत गुरुवार रात अचानक बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉ. मनमोहन सिंह ने गुरुवार रात 9:51 बजे अपनी अंतिम सांस ली। उनके निधन से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, शिक्षाविद, नौकरशाह और राजनीतिज्ञ के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज रहेगा।

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह: एक असाधारण अर्थशास्त्री और राजनेता, जिनका राजस्थान से गहरा नाता
राजस्थान से विशेष संबंध
डॉ. मनमोहन सिंह का राजस्थान से एक विशेष राजनीतिक नाता था। वे 2019 में राजस्थान से निर्विरोध राज्यसभा सदस्य चुने गए थे। यह सीट भाजपा के राज्यसभा सदस्य मदनलाल सैनी के निधन के बाद खाली हुई थी। कांग्रेस पार्टी ने इस सीट के लिए डॉ. मनमोहन सिंह को नामित किया, और वे निर्विरोध चुने गए। राजस्थान के राजनीतिक और सामाजिक जीवन में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह जी का जाना भारत के लिए अपूरणीय क्षति है। उनकी अर्थनीति और सामाजिक सुधारों ने देश को नई दिशा दी।”
एक समृद्ध राजनीतिक और आर्थिक जीवन
डॉ. मनमोहन सिंह का राजनीतिक जीवन बहुत ही समृद्ध था। वे छह बार राज्यसभा सदस्य चुने गए, जिसमें पांच बार असम से और एक बार राजस्थान से। उनका कार्यकाल 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में रहा। वे 1991 में भारत के वित्त मंत्री के रूप में भी कार्यरत रहे, जहां उन्होंने आर्थिक उदारीकरण की नीति को लागू कर भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थापित किया।
डॉ. सिंह ने भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर (1982-1985) और योजना आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में भी सेवा दी। उन्होंने अपने आर्थिक दृष्टिकोण और नीतियों से देश को नई दिशा दी।
उनकी प्रमुख उपलब्धियां
1. आर्थिक उदारीकरण (1991):
भारत की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए डॉ. मनमोहन सिंह ने 1991 में आर्थिक उदारीकरण की नीति लागू की। इस नीति ने भारत में विदेशी निवेश के दरवाजे खोले और आर्थिक विकास के लिए एक नई राह बनाई।
2. राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) (2005):
डॉ. सिंह के प्रधानमंत्री कार्यकाल में नरेगा अधिनियम लागू हुआ, जिसने ग्रामीण परिवारों को प्रति वर्ष 100 दिनों के रोजगार की गारंटी दी। इसने ग्रामीण भारत में गरीबी कम करने में अहम भूमिका निभाई।
3. सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) (2005):
इस अधिनियम ने भारतीय नागरिकों को सरकारी संस्थानों से जानकारी मांगने का अधिकार दिया। यह अधिनियम पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम था।
4. भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौता (2005):
डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते पर बातचीत की। इस समझौते ने भारत को परमाणु प्रौद्योगिकी और ईंधन प्राप्त करने की अनुमति दी, जो ऊर्जा सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था।
एक विनम्र और दूरदर्शी व्यक्तित्व
डॉ. मनमोहन सिंह का व्यक्तित्व उनकी विद्वता, सादगी और सेवा भावना का प्रतीक था। उनके कार्यकाल में देश ने न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक क्षेत्र में भी कई उपलब्धियां हासिल कीं। वे हमेशा शांत, विचारशील और समर्पित नेता के रूप में जाने गए।
देशभर में शोक की लहर
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर देशभर से श्रद्धांजलि व्यक्त की जा रही है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने उनके योगदान को याद करते हुए शोक व्यक्त किया।
राजस्थान के लोगों ने भी डॉ. मनमोहन सिंह को एक समर्पित नेता और जनसेवक के रूप में याद किया। उनकी सरलता और कर्तव्यनिष्ठा ने उन्हें जनता के दिलों में हमेशा के लिए अमर बना दिया।