सोजत न्यूज़ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा

सोजत।
स्वतंत्रता सेनानी, कवि और पत्रकार यशवंत ‘रुचिर’ की 35वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित “रुचिर स्मृति साहित्य व सम्मान समारोह 2024” का आयोजन सोजत स्थित रुचिर विद्या निवास में सम्पन्न हुआ। इस भव्य समारोह का आयोजन रुचिर विद्या साहित्य समिति द्वारा किया गया।
समारोह में उपस्थित अतिथि
समारोह की अध्यक्षता प्रसिद्ध साहित्यकार मोहम्मद खालिद ने की। मुख्य अतिथि के रूप में कवि-लेखक हरीश सुवासिया (ब्यावर) उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में सेवानिवृत्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी बसन्त लखावत, गीता मर्मज्ञ पं. वालाराम चौधरी, प्रशासनिक अधिकारी छोटूसिंह उदावत, समाजसेवी विजयसिंह चौहान, और वरिष्ठ साहित्यकार वीरेंद्र लखावत शामिल थे।
डॉ. रशीद गौरी को मिला प्रतिष्ठित पुरस्कार
समारोह के दौरान हिंदी, उर्दू और राजस्थानी साहित्य के ख्यात कथाकार डॉ. रशीद गौरी को सोनीबाई सीरवी स्मृति साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार समाजसेवी सेवाराम सीरवी की ओर से 11,000 रुपये की नकद राशि के रूप में दिया गया।
बाल प्रतिभा पुरस्कार का वितरण
इसके अतिरिक्त, रुचिर स्मृति बाल प्रतिभा पुरस्कार के अंतर्गत बालिका सुश्री हिमांशी राजपुरोहित (सिसरवाड़ा) को रजत पदक, शॉल और प्रशस्ति पत्र के साथ 1,100 रुपये नकद प्रदान किए गए।
कार्यक्रम की शुरुआत
समारोह का शुभारंभ अतिथियों द्वारा माँ भारती, सरस्वती माता और स्वतंत्रता सेनानी यशवंत ‘रुचिर’ की तस्वीर पर माल्यार्पण और पूजा-अर्चना से हुआ। संस्था अध्यक्ष विशनसिंह भाटी ‘मेव’ ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि हरीश सुवासिया ने स्व. ‘रुचिर’ के साहित्यिक योगदान पर प्रकाश डालते हुए उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर पत्रवाचन किया।
साहित्यिक प्रस्तुतियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम
कवि नवनीत राय ‘रुचिर’ ने अपने पिताश्री की रचनाओं का पाठ किया।
वरिष्ठ शायर अब्दुल समद राही, जनकवि कैलाशदान चारण, और व्यंग्यकार उमाशंकर द्विवेदी ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।
संगीतकार रविन्द्र भटनागर ने सुमधुर गीतों की प्रस्तुति दी।
निधि माथुर की कविता का पाठ चित्रांशी रायजादा ने किया।
समारोह का संचालन और अध्यक्षीय उद्बोधन
युवा पत्रकार चित्रांशी रायजादा ने समारोह का सरस संचालन किया। अध्यक्षीय उद्बोधन में साहित्यकार मोहम्मद खालिद ने स्वतंत्रता सेनानी यशवंत ‘रुचिर’ के आजादी आंदोलन में योगदान और साहित्यिक धरोहर की सराहना की। उन्होंने कहा कि उनका जीवन प्रेरणादायक है और उनकी कृतियां युगों-युगों तक प्रासंगिक रहेंगी।
संस्था के वार्षिक चुनाव
इस अवसर पर संस्था के वार्षिक चुनाव में शिक्षाविद् बसन्त लखावत को सर्वसम्मति से अध्यक्ष मनोनीत किया गया।
यह समारोह साहित्य, संस्कृति और स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों को जीवंत रखने का एक प्रयास था, जो सोजतवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना।