sojat neew, सोजत न्यूज़ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
जयपुर। देशभर में चेक बाउंस मामलों का अंबार लगा हुआ है। केन्द्रीय विधि राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में जानकारी देते हुए बताया कि चेक बाउंस के 43 लाख से अधिक मामले देश की अदालतों में लंबित हैं। इनमें सबसे अधिक 6.41 लाख केस राजस्थान से संबंधित हैं।
राजस्थान सबसे आगे, महाराष्ट्र और गुजरात पीछे
चेक बाउंस मामलों में राजस्थान का नंबर सबसे ऊपर है। इसके बाद महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और उत्तर प्रदेश का स्थान है। राजस्थान में लंबित मामलों की संख्या यह दिखाती है कि यहां व्यापारिक लेन-देन में चेक बाउंस की समस्या गंभीर है।
लोकसभा में पूछे गए सवाल पर खुलासा
सांसद अशोक कुमार रावत द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में मंत्री अर्जुन मेघवाल ने लोकसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चेक बाउंस के मामलों को तेजी से निपटाने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। इनमें डिजिटल अदालतों का विस्तार, त्वरित न्याय प्रक्रिया और वैकल्पिक विवाद समाधान उपाय शामिल हैं।
चेक बाउंस मामले: क्यों बढ़ रही है समस्या
चेक बाउंस के मामलों में वृद्धि के पीछे कई कारण हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
1. अवैध वित्तीय व्यवहार: बिना पर्याप्त बैलेंस के चेक जारी करना।
2. व्यापारिक विवाद: लेन-देन में पारदर्शिता की कमी।
3. कानूनी प्रक्रिया में देरी: अदालतों में मामलों का लंबे समय तक लंबित रहना।
सरकार की योजनाएं
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार ने चेक बाउंस मामलों को तेजी से सुलझाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट में संशोधन और डिजिटलीकरण के माध्यम से न्यायिक प्रणाली में सुधार शामिल हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि लंबित मामलों की संख्या घटाने के लिए सरकार को फास्ट-ट्रैक अदालतों की संख्या बढ़ानी होगी। साथ ही, व्यापारिक व्यवहार में पारदर्शिता और जागरूकता बढ़ाना भी जरूरी है।
चेक बाउंस मामलों की बढ़ती संख्या न केवल आर्थिक क्षेत्र के लिए चुनौती है, बल्कि न्यायिक प्रणाली के लिए भी एक बड़ा बोझ है। सरकार और न्यायालयों को इस समस्या का समाधान जल्द निकालना होगा ताकि व्यापार और न्याय व्यवस्था दोनों को सुचारू रूप से चलाया जा सके।