✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा

शादी के बाद भी बेटियों का पिता की संपत्ति पर अधिकार बरकरार रहता है। हालांकि, यह विषय अब भी लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बना हुआ है कि शादी के कितने समय बाद तक बेटी इस अधिकार का दावा कर सकती है। संपत्ति विवाद के मामले अक्सर जानकारी के अभाव में उलझ जाते हैं।
हिंदू उत्तराधिकार कानून 2005 का संशोधन
साल 2005 में हिंदू उत्तराधिकार कानून, 1956 में हुए संशोधन ने बेटियों को बेटे के बराबर अधिकार दिया। इससे पहले, बेटियों को शादी के बाद पैतृक संपत्ति में हिस्सा नहीं मिलता था। लेकिन संशोधन के बाद, बेटियां भी अपने पिता की पैतृक संपत्ति पर वैध अधिकार रखती हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने इस संदर्भ में कहा है कि बेटी का पिता की संपत्ति पर अधिकार शादी के बाद भी समाप्त नहीं होता। हालांकि, स्व-अर्जित संपत्ति पर पिता को यह स्वतंत्रता है कि वह उसे अपनी मर्जी से किसी को भी दे सकते हैं।
क्या शादी के बाद भी अधिकार बरकरार रहता है?
शादी के बाद भी बेटी का पिता की संपत्ति पर बराबर का अधिकार होता है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि इस अधिकार के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। यानी बेटी जब तक चाहे, इस अधिकार का दावा कर सकती है।
कानून के अनुसार किन परिस्थितियों में बेटियों का अधिकार खत्म हो सकता है
1. वसीयत का होना:
अगर पिता ने अपनी स्व-अर्जित संपत्ति के लिए वसीयत तैयार की है, और वह बेटे के पक्ष में है, तो बेटी उस पर दावा नहीं कर सकती।
2. पैतृक संपत्ति के स्थानांतरण पर:
यदि पिता ने संपत्ति किसी बैंक, संगठन, या अन्य व्यक्ति को ट्रांसफर कर दी है, तो बेटी का उस संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं रहता।
3. अपराधिक मामले:
अगर संपत्ति पर कोई कानूनी विवाद या अपराधिक मामला दर्ज है, तो बेटी का दावा अस्वीकृत हो सकता है।
क्या करना चाहिए बेटियों को?
कानूनी परामर्श लें: बेटियों को अपने अधिकारों को समझने और विवाद से बचने के लिए किसी अनुभवी वकील की सहायता लेनी चाहिए।
जानकारी जुटाएं: संपत्ति की स्थिति और पिता द्वारा बनाई गई वसीयत का ज्ञान जरूरी है।
पिता की संपत्ति पर बेटी का अधिकार जन्म से ही मान्य है, और शादी के बाद भी यह अधिकार बना रहता है। कानून ने बेटियों को समान अधिकार दिए हैं, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण वे अक्सर अपने अधिकार का दावा करने में असमर्थ रहती हैं।
डॉ. राव प्रताप सिंह सुवाणा एडवोकेट के अनुसार, सही जानकारी और कानूनी समझ ही इस अधिकार का सही उपयोग सुनिश्चित कर सकती है।