जयपुर। राजस्थान के गांवों में रास्तों की बंदी आज भी एक बड़ी समस्या है, जो अक्सर आपसी विवाद, पुलिस कार्यवाही, और अदालत के चक्कर लगाने का कारण बनती है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर राज्य सरकार ने इस समस्या का स्थायी समाधान करने के लिए “रास्ता खोलो अभियान” शुरू किया। इस अभियान के तहत जयपुर जिले में 50 दिनों के भीतर 400 से अधिक रास्तों को फिर से खोल दिया गया है, जिससे ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को बड़ी राहत मिली है।

रास्ता खोलो अभियान: सीएम भजनलाल शर्मा की पहल से राजस्थान में 400 से अधिक रास्ते खुले, ग्रामीणों को बड़ी राहत
अभियान के तहत खुल रहे बंद रास्ते
इस अभियान को ग्रामीण क्षेत्रों में बंद रास्तों को खोलने और अतिक्रमण को हटाने के उद्देश्य से शुरू किया गया। जिला प्रशासन ने स्थानीय निवासियों, पंचायतों और अधिकारियों के सहयोग से यह बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अतिरिक्त जिला कलक्टर एवं अभियान की नोडल अधिकारी सुमन पंवार ने बताया कि जयपुर जिले के 50 गांवों में रास्ते खुलवाने का काम समझाइश और सहमति से किया गया।
अभियान की प्रगति और उपलब्धियां
15 नवंबर 2024 से शुरू हुए इस अभियान के तहत अब तक जयपुर जिले की विभिन्न तहसीलों में सैकड़ों रास्तों को खोला गया है।
- जयपुर जिले की प्रमुख तहसीलें और खुले रास्ते:
- जयपुर तहसील: 4 रास्ते
- कालवाड़ तहसील: 8 रास्ते
- आमेर तहसील: 24 रास्ते
- जमवारामगढ़ तहसील: 14 रास्ते
- आंधी तहसील: 24 रास्ते
- शाहपुरा तहसील: 22 रास्ते
- सांगानेर तहसील: 14 रास्ते
- फागी तहसील: 42 रास्ते
कुल 50 दिनों में:
- 400 रास्तों को खोला गया।
- 20 से अधिक तहसीलों में अभियान सक्रिय रहा।
सीएम भजनलाल शर्मा का विजन
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि रास्ता खोलो अभियान का उद्देश्य ग्रामीणों को ऐसी समस्याओं से स्थायी राहत देना है, जो वर्षों से विवाद और कानूनी पचड़ों में उलझी हुई थीं। इस अभियान से केवल रास्ते ही नहीं खुल रहे हैं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास का नया रास्ता भी तैयार हो रहा है।
ग्रामीण इलाकों में राहत और विकास
जिला कलक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने निर्देश दिए हैं कि जिन रास्तों को खोला गया है, वहां जल्द से जल्द ग्रेवल और सीसी रोड बनाई जाए। इसके तहत कई क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण का कार्य भी शुरू हो चुका है।
- बंद रास्तों पर अतिक्रमण हटाने का काम तेजी से किया जा रहा है।
- जहां विवाद चल रहे हैं, वहां संबंधित न्यायालय से आदेश प्राप्त करने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
अभियान क्यों है जरूरी?
- अतिक्रमण की समस्या:
ग्रामीण क्षेत्रों में रास्तों की भूमि पर अतिक्रमण एक बड़ी समस्या है। इससे ग्रामीणों को न केवल अपने दैनिक जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, बल्कि यह विवाद का कारण भी बनता है। - कानूनी विवाद:
रास्तों को लेकर बड़ी संख्या में न्यायालय में वाद दायर किए जाते हैं। - कानून व्यवस्था पर असर:
रास्ते बंद होने से स्थानीय स्तर पर तनाव और कानून व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति बनती है।
भविष्य की योजना
राज्य सरकार ने इस अभियान को अन्य जिलों में भी लागू करने की योजना बनाई है।
- ग्रामीण इलाकों में अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान की नियमित समीक्षा की जा रही है।
- रास्ता खोलने के बाद वहां पर सड़कों का निर्माण प्राथमिकता से किया जाएगा।
- आमजन को जागरूक करने और उनकी समस्याओं को जल्द सुलझाने के लिए पंचायत स्तर पर भी विशेष प्रयास किए जाएंगे।