चौथमाता मंदिर देवझरी पर रात भर चला कवि सम्मेलन
वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल समद राही
टाकरवाडा़ (जि. कोटा) में चौथमाता मंदिर देवझरी पर दि. 17.01.2025 को आयोजित कवि सम्मेलन मंदिर समिति अध्यक्ष शिवराज गोचर तथा महंत कैलाशनाथ जी योगी के सानिध्य में रात भर चला। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता डा अजय मेहरा ने की।
कवि सम्मेलन में एक दर्जन से अधिक कवियों ने काव्य पाठ किया। कवि सम्मेलन का शुभारंभ अतिथियों द्वारा सरस्वती पूजन के साथ हुआ। तत्पश्चात अतिथियों एवं कवियों का स्वागत -सत्कार एवं माल्यार्पण किया गया। सरस्वती वंदना हाड़ौती ढाई कड़ी में कवि श्री योगेश यथार्थ ने प्रस्तुत की।
कवि लोकेश ‘आजाद’ ने चेतावनी व दीपेश सुमन ने शायराना अंदाज में अपनी रचनाएं पढ़ी। कवि सोहन लाल मालव अपनी जन्मभूमि एवं श्री रामकिशन सुमन ने किसानों के दर्द की हाड़ौती मांड सुनाई। कवयित्री कोमल शर्मा ने जामण को लाड करने के बजाय काम बताने की अरज करते हुए गीत पढ़ा।कवि मनीष मेहरा ने अपनी रचना में शूगर बिमारी का निदान बताया और महाकाल की भस्म आरती प्रभाव रचना के माध्यम से बताया। कवि श्री तेजकरण यादव,ने “हे बरवाड़ा की चौथ म्हारी माईजी..!” योगेश यथार्थ ने हाड़ौती के खाश छंद ढाई कड़ी में रचनाएं सुनाई। कवि मुकेश शर्मा ने अपनी चुटीली शैली में अपनी रचनाएं सुनाकर सबको प्रभावित किया। कवि सत्यप्रकाश शर्मा ने हास्य – व्यंग्य की रचनाओं से खूब गुदगुदाया। कवि महावीर प्रसाद मालव ने गागर में सागर भरते हुए गूढ़ हाड़ौती क्षणिकाएं सुनाई “गंगाजी की चरी अमकती जावै..!” कवि रामस्वरूप रावत ने ‘ म्हारा गरियाळा की धूळ’ हाड़ौती गीत सुनाया।
कवि सम्मेलन को परवान चढा़ते हुए वरिष्ठ कवि देवकी दर्पण ने अपने राजस्थानी गीतों से पारिवारिक रिश्तों -नातों एवं बेटी के लिए योग्य वर ढूंढ़ने से सम्बंधित गीतों से समा बांधी और खूब वाह वाही बटोरी। वरिष्ठ कवि आर सी आदित्य ने सामाजिक व राष्ट्रीय विसंगतियों पर चोट करते अपने ओजस्वी तेवर के साथ छंद प्रस्तुत कर कवि सम्मेलन को ऊंचाइयां दी और तालियां बटोरी-“गजनवी गौरी ने लूटा चमन लूटा लुटेरों ने। कभी लूटा है कालों ने कभी लूटा है गौरों ने।” अंत में कवि सी एल सांखला ने अपनी कविता “सत का सिरज्या गोठ गोयरां,मोती निपज्या गोठ गोयरां। हेर फिर्या यूं संसारी मं,वै तो मिलग्या गोठ गोयरां।।” के माध्यम से समाज व दर्शन को समाहित कर गूढ़ हाड़ौती रचना प्रस्तुत की।
कार्यक्रम का सफल संचालन कवि मुकेश कुमार शर्मा ने किया। अंत में समिति अध्यक्ष शिवराज गोचर ने सभी कवियों का आभार व्यक्त किया।