✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
श्रीगंगानगर। शेयर मार्केट में मुनाफे का लालच देकर 10 हजार करोड़ रुपये की ठगी करने वाले बड़े साइबर गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के ठगों ने पिछले आठ साल से मोबाइल ऐप के जरिए निवेशकों को फंसाकर यह बड़ा स्कैम किया। सबसे ज्यादा ठगी महाराष्ट्र और कर्नाटक में की गई।
गिरोह के दो मुख्य आरोपी लाजपत आर्य और उसका बेटा दीपक आर्य नायक पुलिस के हत्थे चढ़ गए हैं। पुलिस ने इनके पास से 85 लाख रुपये की लग्जरी कार, 10 लाख रुपये नकद, छह मोबाइल फोन और तीन सीपीयू जब्त किए हैं। आरोपियों ने श्रीगंगानगर के अलावा जयपुर में करोड़ों रुपये के बंगले और अन्य संपत्तियां खरीदी हुई हैं।
कैसे हुआ खुलासा?
मामला तब उजागर हुआ जब कर्नाटक निवासी कटप्पा बाबू चौहान ने 4.50 करोड़ रुपये की ठगी का केस दर्ज कराया। जब पुलिस ने जांच शुरू की, तो यह स्कैम 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निकला।
कैसे किया ठगी का जाल तैयार?
- ‘कैपमोर एफएक्स’ नाम से ऐप बनाई:
- यह एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन थी, जिसमें निवेशकों को शेयर मार्केट के नाम पर झांसा दिया जाता था।
- गिरोह के सदस्य महाराष्ट्र और कर्नाटक में सेमिनार आयोजित कर लोगों को निवेश के गुर सिखाने का दावा करते।
- 15-20 दिन की ट्रेनिंग के बदले 10 से 15 हजार रुपये रजिस्ट्रेशन फीस वसूलते।
- ट्रेनिंग के बाद निवेश करवाते और धीरे-धीरे लोगों को बड़े अमाउंट डालने के लिए प्रेरित करते।
- छोटे निवेश से शुरुआत, फिर बड़ा जाल बिछाया:
- शुरुआत में निवेशकों को छोटे अमाउंट (जैसे 1,000 रुपये) से निवेश करवाते।
- मुनाफे के तौर पर 1,500 रुपये लौटाकर भरोसा जीतते।
- फिर बड़े निवेश के लिए प्रेरित करते और कमीशन का लालच देकर अन्य लोगों को जोड़ने के लिए उकसाते।
- प्रतिबिंब ऐप से ठगों का पर्दाफाश:
- पुलिस ने एक मोबाइल नंबर को भारत सरकार के ‘प्रतिबिंब ऐप’ पर चेक किया।
- इससे पता चला कि यह नंबर महाराष्ट्र और कर्नाटक में 5 साइबर फ्रॉड मामलों से जुड़ा हुआ था।
- जांच में 75 बैंक खाते मिले, जिनमें करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए गए थे।
मुख्य आरोपी और फरार अपराधी
गिरोह का मास्टरमाइंड लाजपत आर्य और उसका बेटा दीपक आर्य नायक गिरफ्तार हो चुके हैं। लेकिन गिरोह के चार अन्य आरोपी फरार हैं, जिनमें शामिल हैं:
- अजय आर्य (लाजपत आर्य का दूसरा बेटा)
- सौरभ चावला और उसकी पत्नी सलोनी चावला (श्रीगंगानगर निवासी)
- बलजीत सिंह (अबोहर, पंजाब)
- कर्मजीत सिंह (कालियां गांव, पंजाब)
सूत्रों के मुताबिक, इन आरोपियों ने ठगी के पैसे से विदेशों में भी संपत्तियां खरीदी हैं और कुछ आरोपी दुबई भाग चुके हैं।
क्या होगा ठगों की संपत्ति का?
एसपी गौरव यादव ने कहा कि
- गिरोह के सभी सदस्यों की चल-अचल संपत्तियों की जांच की जाएगी।
- कोर्ट में इस्तगासा पेश कर संपत्ति जब्त करने का आदेश लिया जाएगा।
- नीलामी के बाद ठगी गई राशि को पीड़ितों को लौटाने का प्रयास किया जाएगा।
पुलिस की कार्रवाई जारी
श्रीगंगानगर पुलिस ने इस मामले में दो FIR दर्ज की हैं।
- पहली FIR पुरानी आबादी थाना क्षेत्र में दर्ज हुई, जिसकी जांच SHO ज्योति कर रही हैं।
- दूसरी FIR सदर थाने में दर्ज की गई, जिसे SHO सुभाष देख रहे हैं।
निवेशकों के लिए चेतावनी
पुलिस ने आम जनता को इस तरह की स्कीम्स से सतर्क रहने की अपील की है। निवेश करने से पहले
- कंपनी की प्रामाणिकता जांचें।
- केवल सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त वित्तीय संस्थानों में ही निवेश करें।
- शेयर मार्केट में उच्च रिटर्न का लालच देने वाली स्कीमों से बचें।
यह घोटाला भारत के सबसे बड़े साइबर फ्रॉड में से एक बन सकता है। 10 हजार करोड़ रुपये के इस महाघोटाले ने हजारों निवेशकों को बर्बाद कर दिया। पुलिस अब मामले की गहराई से जांच कर रही है और अन्य फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई है।
(जुड़े रहें, आगे की अपडेट के लिए…)