✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा

प्रयागराज | मौनी अमावस्या विशेष रिपोर्ट
मौनी अमावस्या के शुभ अवसर पर त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान के लिए देश-विदेश से श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। भले ही सुबह भगदड़ जैसी स्थिति बनी, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं आई। प्रशासन के मुताबिक, दोपहर 1 बजे तक 5.16 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
नागा साधुओं ने किया सबसे पहले अमृत स्नान
महाकुंभ के सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक अखाड़ों का अमृत स्नान सुबह से ही जारी है। सबसे पहले नागा साधुओं ने परंपरागत तरीके से डुबकी लगाई, जिसके बाद अन्य 13 प्रमुख अखाड़ों के संतों और महामंडलेश्वरों ने स्नान किया।
शिविरों से जुलूस की शक्ल में अखाड़ों के संत संगम की ओर बढ़ रहे हैं। गाजे-बाजे और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उनका स्वागत किया जा रहा है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं ताकि स्नान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके।
श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन का विशेष संदेश: अफवाहों से बचें, शांति से करें स्नान
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें। अधिकारियों के अनुसार, सभी घाटों पर स्नान व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है और सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है।
महाकुंभ में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है। ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है और स्नान क्षेत्र में किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स को भी तैनात किया गया है।
अमृत स्नान का आध्यात्मिक महत्व
मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन संगम में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि इस विशेष दिन पर देशभर से करोड़ों श्रद्धालु महाकुंभ में भाग लेने आते हैं।
महाकुंभ 2025: अब तक की सबसे बड़ी श्रद्धालु उपस्थिति!
महाकुंभ 2025 अब तक के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक बनता जा रहा है। श्रद्धालुओं की संख्या हर घंटे बढ़ रही है, और यह आंकड़ा शाम तक नए कीर्तिमान बना सकता है।