✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
बाजार में सोने की कीमतें एक बार फिर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं, जिससे निवेशकों और ज्वेलर्स में हलचल मची हुई है। बुलियन बाजार में आज गोल्ड आरटीजीएस ₹86,650 प्रति 10 ग्राम और गोल्ड हाजिर ₹85,650 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है। वहीं, चांदी बैंक पेटी ₹98,500 प्रति किलो और चांदी चौरसा ₹97,000 प्रति किलो पर ट्रेड हो रही है।
सोने-चांदी की कीमतों में तेजी के पीछे क्या कारण?
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में मजबूती: वैश्विक स्तर पर सोने की मांग बढ़ने से इसकी कीमतें नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई हैं।
- डॉलर में कमजोरी: डॉलर इंडेक्स में नरमी के चलते सोने की कीमतों को सपोर्ट मिला है।
- सुरक्षित निवेश का बढ़ता रुझान: वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते निवेशक शेयर बाजार से ज्यादा सोने में निवेश कर रहे हैं।
- त्योहारी सीजन की मांग: भारत में रक्षा बंधन और आगामी त्योहारों के कारण ज्वेलरी सेक्टर में सोने की खरीदारी बढ़ी है।
ओवरबॉट आरएसआई: निवेशकों के लिए सतर्कता का संकेत
तकनीकी विश्लेषण के मुताबिक, रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) ओवरबॉट ज़ोन में पहुंच चुका है, जो दर्शाता है कि सोने की कीमतें अल्पावधि में कुछ करेक्शन देख सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा स्तर पर निवेशकों को सतर्कता बरतनी चाहिए और मुनाफावसूली पर ध्यान देना चाहिए।
क्या सोने की कीमतें और बढ़ेंगी?
बाजार के जानकारों के अनुसार, यदि वैश्विक आर्थिक संकट और डॉलर में कमजोरी बनी रहती है, तो सोने की कीमतें ₹87,000 से ₹88,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती हैं। हालांकि, ओवरबॉट स्थिति को देखते हुए कुछ गिरावट भी देखने को मिल सकती है।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
- नए निवेशक: उच्च स्तरों पर खरीदारी से बचें और करेक्शन का इंतजार करें।
- पुराने निवेशक: यदि पहले से निवेश कर रखा है, तो आंशिक मुनाफावसूली कर सकते हैं।
- ज्वेलर्स और ट्रेडर्स: छोटे अंतर पर खरीद-बिक्री कर सकते हैं, लेकिन बड़े निवेश से बचें।
सोने की कीमतें अपने उच्चतम स्तर पर बनी हुई हैं, जिससे निवेशकों और व्यापारियों में उत्सुकता है। हालांकि, ओवरबॉट आरएसआई के चलते बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। ऐसे में विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार ही निवेश के फैसले लेना फायदेमंद रहेगा।