भगवा वस्त्र, हाथ-गले में रुद्राक्ष की माला, सूर्य को अर्घ्य दिया; मां गंगा को चढ़ाई साड़ी
✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
प्रयागराज के पावन धरती पर महाकुंभ 2025 के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाई। भगवा वस्त्र धारण किए प्रधानमंत्री मोदी के गले में रुद्राक्ष की माला शोभायमान थी। डुबकी लगाने के बाद उन्होंने सूर्य को अर्घ्य दिया और मां गंगा को साड़ी अर्पित की। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने “हर हर गंगे” और “हर-हर महादेव” के जयघोष से वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
संगम तट पर ऐतिहासिक क्षण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब त्रिवेणी संगम पहुंचे, तो वहां मौजूद साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने उनका भव्य स्वागत किया। मोदी ने पहले संगम की परिक्रमा की, फिर हाथ जोड़कर मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का ध्यान किया। इसके बाद उन्होंने पवित्र जल में तीन बार डुबकी लगाई। डुबकी लगाने के बाद उन्होंने सूर्य देव को अर्घ्य देकर राष्ट्र कल्याण और जनकल्याण की कामना की।
मां गंगा को भेंट की साड़ी
महाकुंभ की पवित्रता को बनाए रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने गंगा मैया को रेशमी साड़ी भेंट की। यह भारतीय परंपरा में विशेष रूप से स्त्री शक्ति और मातृ सम्मान का प्रतीक मानी जाती है। उन्होंने मां गंगा से देश की समृद्धि, शांति और कल्याण के लिए प्रार्थना की।
महाकुंभ में पीएम मोदी का आध्यात्मिक संदेश
त्रिवेणी संगम में स्नान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,
“महाकुंभ भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा की आत्मा है। यह आस्था, अध्यात्म और एकता का महापर्व है। संगम में स्नान करके आत्मिक शांति मिली। मां गंगा से देश की उन्नति, सुख-समृद्धि और सभी नागरिकों के मंगल की प्रार्थना की है।”
संत समाज ने किया स्वागत, मिला आशीर्वाद
प्रधानमंत्री के आगमन पर विभिन्न अखाड़ों के संतों ने उन्हें शॉल, रुद्राक्ष की माला और तिलक लगाकर सम्मानित किया। संत समाज ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से भारतीय संस्कृति को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली है।
महाकुंभ में लाखों श्रद्धालुओं का सैलाब
महाकुंभ के इस पावन अवसर पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे। संगम तट पर भव्य आयोजन के तहत हवन-पूजन, गंगा आरती और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए गए। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, जिससे स्नान पर्व सुचारू रूप से संपन्न हो सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का त्रिवेणी संगम में स्नान और गंगा मैया को साड़ी अर्पण करना भारतीय संस्कृति और सनातन परंपराओं के प्रति उनकी आस्था को दर्शाता है। महाकुंभ में उनकी उपस्थिति से न केवल आध्यात्मिक चेतना जागृत हुई, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को भी नई पहचान मिली।