दरभंगा बाल लेखन कार्यशाला का दूसरा दिन
कवि बनने के लिए बच्चों का हुआ साक्षात्कार
बच्चों ने सीखी निबंध लेखन की बारीकियां
बच्चे नृत्य के साथ सीख रहे हैं पहाड़े
संचालक, अध्यक्ष व मुख्य अतिथि का चुनाव खुले मतदान से कराया गया
वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल समद राही
दरभंगा (बिहार) । उत्तराखंड से प्रकाशित बच्चों की पत्रिका बालप्रहरी तथा हिंदी बाल साहित्य शोध संस्थान बनौनी, दरभंगा के संयुक्त तत्वावधान में राजकीय मध्य विद्यालय सिमरी के आनंदशाला भवन में आयोजित बच्चों की 5 दिवसीय बाल लेखन कार्यशाला के दूसरे दिन की शरूआत ‘ज्ञान का दीया जलाने’ समूह गीत से हुई। आज अध्यक्ष मंडल में उपासना कुमारी, अविनाश कुमार, निक्की कुमारी, अभिनव कुमार को शामिल किया गया। आज संपन्न शब्द लेखन प्रतियोगिता, पहाड़ा लिखो प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता व खेल प्रतियोगिता में मधु कुमारी, अभनव झा, सचिन कुमार, मोहम्मद फरमान मंसूरी, मीसा कुमारी, सुरभि कुमारी आदि बच्चों को पुरस्कार में बालसाहित्य दिया गया। आज बच्चों को बच्चे से बच्चा, नेताजी की खोज, तोता कहता है, जैसा में कहूं, कितने भाई कितने, कितना बड़ा पहाड़, पिज्जा हट, एक दो तीन आदि खेल कराए गए। कार्यशाला को संबोधित करते हुए शिक्षाविद एवं हिंदी बाल साहित्य शोध संस्थान के अध्यक्ष डॉ सतीश भगत ने कहा कि विज्ञान के आज के युग में भी हमारे समाज में कई अंधविश्वास व कुरीतियां व्याप्त है। इसके लिए बच्चों के मन में बचपन से ही वैज्ञानिक सोच जाग्रत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विज्ञान हमें तर्कसम्मत क्या क्यों तथा कैसे जैसे सवालों पर तर्क वितर्क करने का अवसर देता है। उन्होंने कहा बच्चों के मन में वैज्ञानिक सोच जाग्रत किए जाने की जरुरत है।
बालप्रहरी संपादक उदय किरौला ने निबंध लेखन की जानकारी देते हुए कहा कि निबंध साहित्य की वह विधा है जिसके लेखन में कोई बंधन नहीं होता है। उन्होंने कहा नि का आशय नहीं तथा बंध का आशय बंधन से होता है। ‘पुस्तक’ विषय पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यदि पुस्तक पर निबंध लिखा जाएगा तो सबसे पहले पुस्तक की पृष्टभूमि यानी जब पुस्तक या किताब नहीं थी। उसके बाद पुस्तक के आकार प्रकार, पुस्तक के भाग , पुस्तक की उपयोगिता और अंत में उपसंहार लिखा जाएगा।
साहित्यकार हीरालाल साहनी ने बच्चों को बच्चे, फूल, बादल, हमारा श्रीनगर्, भोजन की बरबादी, बेटी बचाओ, कूड़ा दान, बेटियां नहीं हैं कम आदि विषयों पर कविताएं तैयार की। बच्चों ने पहले दिए हुए शब्दों के आधार पर कविता तैयार की। बाद में दिए हुए शब्दों के आधार पर कविता तैयार की। बाल कवि सम्मेलन के लिए संचालक,अध्यक्ष तथा मुख्य अतिथि का चुनाव खुले मतदान के आधार पर कराया गया। इस बहाने बच्चों ने लोकतांत्रितक प्रणाली को समझते हुए बच्चों की प्रस्तुति के आधार पर खुले मतदान से संचालकों का चुनाव किया। आज बच्चों को बाल कवि सम्मेलन, नुक्कड़ नाटक, समूह गीत आदि समूहों में कार्य कराया गया। बालप्रहरी संपादक उदय किरौला, हिंदी बाल साहित्य शोध संस्थान के अध्यक्ष डॉ सतीश भगत, बी आर सी प्रबंधक संजय कुमार, वरिष्ठ साहित्यकारहीरालाल साहनी, पूनम झा, विजय कुमार चौरसिया, अमृता कुमारी आदि ने अलग-अलग समूह में संदर्भदाता बतौर बच्चों का मार्गदर्शन किया।
आज बच्चों ने अपनी हस्तलिखित पुस्तक के लिए मेरा परिचय, मेरा स्कूल, मेरी दिनचर्या, एक दिन की बात है तथा चुटकुले आदि तैयार किए। अतिथियों द्वारा बच्चों की रचनाओं को जोड़कर बनाई गई दो दीवार पत्रिकाओं का लोकार्पण किया गया।