परिवार की आंखों के सामने खेलते-खेलते गायब हुआ; डेढ़ घंटे की तलाश के बाद नहर से मिला शव, परिजनों ने नगर निगम पर उठाए सवाल
जोधपुर | मंडोर उद्यान | शनिवार
जोधपुर के प्रसिद्ध मंडोर उद्यान में शनिवार दोपहर परिवार संग घूमने आया 2 साल का मासूम अब्दुल खेलते-खेलते अचानक नहर में डूब गया। परिजनों ने उसे करीब डेढ़ घंटे तक हर जगह तलाशा, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। जब पार्क में मौजूद लोगों ने नहर में देखने की सलाह दी, तो वहां अनहोनी की आशंका गहराने लगी।
गोताखोरों ने 15 मिनट में निकाला शव, परिजन बदहवास
परिजनों की सूचना पर गोताखोरों की टीम मौके पर पहुंची और तलाशी अभियान शुरू किया। महज 15 मिनट में गोताखोरों ने बच्चे का शव बाहर निकाल लिया। मासूम की lifeless body देखकर परिजनों की चीखें गूंज उठीं। मां-पिता और अन्य परिजन शव को देखकर बदहवास हो गए।
परिजनों ने नगर निगम पर लगाए लापरवाही के आरोप
शव मिलने के बाद परिजनों ने नगर निगम और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि—
- नहर के चारों ओर कोई सुरक्षा रेलिंग नहीं थी, जिससे यह हादसा हुआ।
- नहर में कई महीनों से सफाई नहीं हुई है, जिसके कारण काई जम गई थी और पानी गंदा था।
- नगर निगम की लापरवाही के कारण ही उनके मासूम की जान गई है।
खेलते-खेलते कैसे गायब हुआ अब्दुल?
अब्दुल के पिता शाहिद, जो रेलवे स्टेशन के पास एक होटल चलाते हैं, ने बताया कि—
- वे परिवार के साथ शनिवार दोपहर मंडोर उद्यान घूमने आए थे।
- अब्दुल पार्क में अन्य बच्चों के साथ खेल रहा था।
- कुछ ही मिनटों में वह अचानक गायब हो गया।
- पहले पूरे पार्क में तलाश किया, फिर नहर के पास पहुंचे, जहां अनहोनी की आशंका हुई।
पुलिस मौके पर पहुंची, पोस्टमॉर्टम कराने से परिजनों ने किया इनकार
घटना की सूचना मिलते ही मंडोर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। शव मिलने के बाद पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराने की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन परिजनों ने इससे इनकार कर दिया। वे सीधे शव को घर ले गए।
स्थानीय लोगों में भी गुस्सा, प्रशासन से सुरक्षा उपायों की मांग
घटना के बाद स्थानीय लोगों में भी रोष देखने को मिला। उन्होंने मांग की कि—
- नहर के चारों ओर सुरक्षा रेलिंग लगाई जाए ताकि भविष्य में ऐसा हादसा न हो।
- नहर की नियमित सफाई की जाए ताकि कोई और मासूम इसमें न फंसे।
- नगर निगम को तत्काल इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए।
बड़ा सवाल: क्या नगर निगम हादसों से सीखेगा सबक?
इस दर्दनाक घटना ने नगर निगम की लापरवाही और सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर किया है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करता है और क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे?
✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा