पीएम मोदी ने दी छात्रों को परीक्षा में स्ट्रेस फ्री रहने की सलाह, माता-पिता को भी दी अहम सीख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा 2025’ के तहत छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से संवाद किया। इस बार कार्यक्रम में सात एपिसोड होंगे, जिनमें छात्रों को पढ़ाई और जीवन से जुड़े अहम पहलुओं पर मार्गदर्शन मिलेगा। इस वर्ष का कार्यक्रम कई नए बदलावों और रोचक विषयों के साथ आया है, जिसमें न केवल परीक्षा की तैयारी बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी जोर दिया गया।

परीक्षा पे चर्चा 2025: पीएम मोदी ने बताए सफलता के मंत्र, किसानों की डाइट से लेकर लाफ्टर थेरेपी तक पर हुई चर्चा
लाफ्टर थेरेपी से तनाव को करें दूर
पीएम मोदी ने छात्रों से कहा कि परीक्षा को लेकर तनाव नहीं लेना चाहिए। उन्होंने लाफ्टर थेरेपी को अपनाने की सलाह दी और कहा कि इसे परिवार के साथ करें। हंसी की अपनी एक ताकत होती है और यह मानसिक तनाव को कम करने में मदद करती है।
उन्होंने कहा कि लक्ष्य ऐसा बनाना चाहिए जो पहुंच में हो लेकिन पकड़ में ना आए। यानी लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए, लेकिन उसे पाने की प्रक्रिया को एंजॉय भी करना चाहिए।
दिव्यांगों से लें प्रेरणा, असफलताओं को बनाएं शिक्षक
पीएम मोदी ने छात्रों को प्रेरित करने के लिए दिव्यांगजनों का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि भगवान ने हर किसी को कुछ खास क्षमताएं दी हैं, जो उसे सफलता की ओर ले जाती हैं। उन्होंने असफलताओं को स्वीकार करने और उनसे सीखने पर भी जोर दिया।
“स्कूल में कई बच्चे फेल होते हैं, लेकिन वे दोबारा प्रयास करते हैं। जिंदगी कभी अटकती नहीं है। सवाल यह है कि आप किताबों में सफल होना चाहते हैं या जीवन में?” – पीएम मोदी
माता-पिता बच्चों की क्षमता को समझें
पीएम मोदी ने माता-पिता को संदेश देते हुए कहा कि वे अपने बच्चों पर अपनी इच्छाएं ना थोपें। हर बच्चा अलग होता है और उसकी रुचियां भी अलग-अलग होती हैं।
उन्होंने सचिन तेंदुलकर का उदाहरण देते हुए कहा कि, “सचिन खेल में माहिर थे, लेकिन पढ़ाई में उतने अच्छे नहीं थे।” माता-पिता को बच्चों की स्किल्स पर ध्यान देना चाहिए और उनकी रुचि के अनुसार उन्हें बढ़ने देना चाहिए।
स्ट्रेस से बचने के लिए खुलकर करें बातचीत
पीएम मोदी ने छात्रों को सलाह दी कि वे अपनी भावनाओं को मन में ना रखें और घरवालों से खुलकर बात करें। बार-बार नकारात्मक बातें सोचने से मानसिक स्थिति कमजोर होती है। उन्होंने कहा कि जो कर रहे हैं, उसी पर फोकस करें। बीते हुए कल के बारे में सोचकर वर्तमान को प्रभावित ना करें।
पीएम मोदी ने बताया अपनी हैंडराइटिंग का हाल
छात्रों से संवाद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उनकी खुद की हैंडराइटिंग बहुत खराब थी। उनके शिक्षक ने इसे सुधारने की कोशिश की, लेकिन आखिर में उनकी खुद की हैंडराइटिंग सुधर गई, मेरी नहीं! यह बताते हुए उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में छात्रों को यह संदेश दिया कि हर किसी की अपनी अलग विशेषताएं होती हैं।
लीडरशिप का मंत्र: खुद को उदाहरण बनाएं
बिहार के एक छात्र ने पीएम मोदी से लीडरशिप के बारे में सवाल किया। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि लीडरशिप थोपी नहीं जाती, बल्कि लोग आपके व्यवहार से उसे स्वीकार करते हैं।
“लीडर वही होता है जिसे लोग खुद अपना नेता मान लें। आप दूसरों की मदद करेंगे, उनका हालचाल पूछेंगे, तो लोग खुद आपको लीडर मानने लगेंगे।” – पीएम मोदी
छात्रों के लिए अच्छी नींद जरूरी
पीएम मोदी ने छात्रों को शरीरिक फिटनेस और नींद की अहमियत के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पोषण और नींद का आपस में गहरा संबंध है।
उन्होंने यह भी पूछा कि “कितने बच्चों ने पेड़ के नीचे खड़े होकर गहरी सांस ली है?” इससे यह संकेत दिया कि प्रकृति के करीब रहकर तनाव को कम किया जा सकता है।
सूर्य स्नान और किसानों की डाइट अपनाने की सलाह
पीएम मोदी ने छात्रों को सुबह-सुबह धूप में बैठने और शरीर को सूरज की रोशनी देने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि गेहूं, बाजरा, चावल जैसी मोटे अनाज को अपनी डाइट में शामिल करें।
उन्होंने बताया कि पर्याप्त पोषण और सही खान-पान ही मानसिक और शारीरिक विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं।
परीक्षा पे चर्चा 2025: क्या है खास?
इस बार परीक्षा पे चर्चा (पीपीसी) 2025 में सात एपिसोड होंगे, जिसमें छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से सीखने का अवसर मिलेगा।
इस कार्यक्रम में दीपिका पादुकोण, सद्गुरु, मैरी कॉम, विक्रांत मैसी और रुजुता दिवेकर जैसे जाने-माने लोग शामिल होंगे, जो परीक्षा के दौरान स्वस्थ मानसिकता बनाए रखने, दबाव को संभालने और समग्र विकास पर चर्चा करेंगे।
बढ़ती लोकप्रियता: 5 करोड़ से ज्यादा छात्रों ने किया रजिस्ट्रेशन
इस साल परीक्षा पे चर्चा को लेकर अभूतपूर्व उत्साह देखा गया। करीब 5 करोड़ छात्रों ने इसमें भाग लिया, जो इसे एक बड़े राष्ट्रीय आंदोलन की तरह बना रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल से छात्र न केवल परीक्षा की चिंता को कम कर रहे हैं, बल्कि जीवन में आगे बढ़ने और सकारात्मक सोच विकसित करने की प्रेरणा भी ले रहे हैं।
निष्कर्ष: परीक्षा से ज्यादा जरूरी है सीखने का नजरिया
परीक्षा पे चर्चा 2025 ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पढ़ाई और परीक्षा का मकसद सिर्फ नंबर लाना नहीं, बल्कि सीखने की प्रक्रिया को आनंदमय बनाना है।
पीएम मोदी का यह संवाद छात्रों को तनाव मुक्त परीक्षा देने और जीवन में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।