उर्दू माध्यम स्कूलों को यथावत रखने की मांग
स्वत्रंता के बाद से ही उर्दू और हिन्दी आम जीवन में अपनी भूमिका निभाती : डॉ साजिद निसार
वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल समद राही
जोधपुर। वर्ड युनानी फाउंडेशन दिल्ली, और आल इंडिया युनानी तिब्बी कांग्रेस राजस्थान चैप्टर के सरंक्षक डा साजिद निसार ने मुख्यमंत्री राजस्थान को एक पत्र लिखकर राजस्थान शिक्षा विभाग के 17 जनवरी के उस आदेश की तरफ ध्यान दिलवाया है जिसमें उर्दू माध्यम स्कूलों को हिन्दी स्कूलों में विलय किया गया है,डा साजिद ने कहा कि उर्दू एक आम जबान के तौर पर हमारे देश में बोली जाती है,और ये भाषा मुस्लिम के अलावा भी एक आम आदमी इस्तेमाल करता है हमेशा से उर्दू भाषा और हिन्दी भाषा को बहने कहा जाता है फिर उर्दू भाषा के साथ इस तरह का व्यवहार क्यों किया जा रहा है, कहाँ तो केन्द्रीय सरकार हर जगह उर्दू भाषा को बढ़ावा दे रही है और राजस्थान में आपके होते हुए ये कदम उठाया जा रहा है1 जो चिंता का विषय है स्वत्रंता के बाद से ही उर्दू और हिन्दी आम जीवन में अपनी भूमिका निभाती आंई हैं और ये आम जन की भाषा कहलाती है। यहाँ माध्यमिक शिक्षा विभाग उर्दू को समाप्त करने के लिए लगा है मेरा आपसे कर बद्व निवेदन है कि राजस्थान की आम जनता की भावना को ध्यान में रखते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग को इस आदेश पर ग़ौर करने के लिए कहें हम राजस्थान के लोग हमेशा आपके आभारी रहेंगे।