✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
अस्थमा, जिसे आमतौर पर दमा भी कहा जाता है, एक गंभीर श्वसन रोग है जो फेफड़ों और सांस लेने के रास्तों को प्रभावित करता है। इसमें सांस लेने के दौरान घरघराहट, सीने में जकड़न, खांसी और सांस फूलने की समस्या होती है। यह रोग किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन बच्चों में इसकी संभावना अधिक होती है। आज के प्रदूषण भरे माहौल और बदलती जीवनशैली के कारण अस्थमा के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
हालांकि एलोपैथिक दवाएं अस्थमा को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं, लेकिन आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय इस समस्या से स्थायी राहत देने में कारगर साबित होते हैं। इस लेख में हम अस्थमा के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
अस्थमा के कारण (Asthma Causes)
अस्थमा होने का मुख्य कारण श्वास नलिकाओं की मांसपेशियों का सिकुड़ना और इनका सूजनग्रस्त होना होता है। इसके अलावा, अन्य प्रमुख कारणों में शामिल हैं:
- वायु प्रदूषण – धूल, धुआं, पराग कण और गंध
- एलर्जी – धूल-मिट्टी, पालतू जानवर, फूलों के पराग
- अनुवांशिकता – पारिवारिक इतिहास होने पर खतरा बढ़ जाता है
- धूम्रपान और तंबाकू – खुद सेवन करने या धुएं के संपर्क में आने से
- तनाव और चिंता – मानसिक तनाव अस्थमा को ट्रिगर कर सकता है
- मौसम में बदलाव – ठंडी हवा, अधिक नमी या अचानक तापमान में बदलाव
- अत्यधिक शारीरिक श्रम – ज्यादा दौड़ने-भागने से सांस फूलना
अस्थमा के लक्षण (Asthma Symptoms)
अगर आपको बार-बार निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं, तो यह अस्थमा का संकेत हो सकता है:
✅ सांस लेते समय सीटी जैसी आवाज आना
✅ सीने में जकड़न और दर्द महसूस होना
✅ खांसी का बार-बार आना, खासकर रात में या सुबह जल्दी
✅ हल्की शारीरिक मेहनत करने पर भी सांस फूलना
✅ ज्यादा हंसने, चिल्लाने या रोने पर सांस लेने में तकलीफ
✅ किसी गंध, धूल या धुएं के संपर्क में आने से सांस फूलना
अस्थमा के आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार
अस्थमा से राहत पाने के लिए कुछ प्रभावी आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं। ये नुस्खे पूरी तरह प्राकृतिक हैं और शरीर को बिना किसी दुष्प्रभाव के स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं।
1. मेथी, अदरक और शहद का मिश्रण
➡ 1 चम्मच मेथी के बीजों को पानी में उबालें।
➡ इसमें 1 चम्मच अदरक का रस और 1 चम्मच शहद मिलाएं।
➡ इसे रोजाना पीने से अस्थमा की समस्या में राहत मिलती है।
2. आंवला और शहद
➡ 2 चम्मच आंवला पाउडर में 1 चम्मच शहद मिलाएं।
➡ इसे सुबह खाली पेट खाने से अस्थमा नियंत्रित रहता है।
3. पालक और गाजर का जूस
➡ पालक और गाजर के जूस को मिलाकर पीने से फेफड़े मजबूत होते हैं।
➡ रोजाना इसका सेवन करने से अस्थमा में फायदा होता है।
4. बड़ी इलायची, खजूर और अंगूर
➡ इन तीनों को समान मात्रा में पीसकर उसमें शहद मिलाएं।
➡ इसे खाने से अस्थमा और पुरानी खांसी दूर होती है।
5. सोंठ, सेंधा नमक, जीरा और तुलसी
➡ इन सभी चीजों को पीसकर पानी में उबाल लें।
➡ इसे पीने से अस्थमा के मरीज को राहत मिलती है।
6. तेजपत्ता और पीपल के पत्ते का मिश्रण
➡ 2 ग्राम पीपल के पत्ते और तेजपत्ता को पीस लें।
➡ इसे मुरब्बे की चाशनी के साथ खाएं।
➡ नियमित सेवन करने से अस्थमा कुछ समय में गायब हो सकता है।
7. सूखी अंजीर
➡ रात में 4 सूखी अंजीर पानी में भिगो दें।
➡ सुबह इसे पीसकर खाली पेट खाएं।
➡ यह अस्थमा के साथ कब्ज को भी दूर करता है।
अस्थमा में क्या न खाएं?
अस्थमा के मरीजों को कुछ चीजों से परहेज करना चाहिए ताकि उनकी समस्या और न बढ़े।
❌ ठंडी चीजें जैसे आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक्स
❌ बहुत ज्यादा तला-भुना और मसालेदार खाना
❌ डेयरी प्रोडक्ट्स (ज्यादा मात्रा में दूध-दही का सेवन)
❌ धूम्रपान और शराब
❌ अधिक मीठे पदार्थ और चीनी वाले फूड्स
अस्थमा से बचाव के लिए खास टिप्स
✔ रोज सुबह प्राणायाम और योग करें, खासतौर पर अनुलोम-विलोम और भस्त्रिका प्राणायाम।
✔ घर में धूल-मिट्टी और धुएं से बचाव करें।
✔ किचन में ज्यादा धुआं न बनने दें।
✔ अपने साथ इनहेलर या आयुर्वेदिक काढ़ा हमेशा रखें।
✔ रोजाना हल्दी वाला दूध पिएं, यह फेफड़ों को साफ करता है।
✔ तनाव से बचने के लिए ध्यान और मेडिटेशन करें।
✔ पौष्टिक आहार लें, खासतौर पर विटामिन C और E युक्त चीजें खाएं।
अस्थमा एक गंभीर श्वसन रोग है, लेकिन आयुर्वेद में इसके इलाज के लिए बेहद कारगर उपाय मौजूद हैं। नियमित रूप से घरेलू नुस्खों और सही खान-पान को अपनाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। अगर अस्थमा की समस्या गंभीर हो, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
अगर आप इन आयुर्वेदिक नुस्खों को अपनाते हैं, तो अस्थमा पर नियंत्रण पाया जा सकता है और फेफड़ों को स्वस्थ रखा जा सकता है। स्वस्थ रहें, खुश रहें!