
✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष रूप से मनाया जाता है। इस दिन शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अलग-अलग धातु से बने शिवलिंग की पूजा से अलग-अलग लाभ प्राप्त होते हैं? अगर आप अपने शत्रुओं का नाश चाहते हैं, व्यापार में तरक्की की कामना रखते हैं, या फिर धन-वैभव की इच्छा रखते हैं, तो शिवलिंग की धातु का चयन विशेष रूप से करें। आइए जानते हैं कि कौन से धातु से बने शिवलिंग की पूजा से कौन सा लाभ मिलता है।
1. पारद (पारा) शिवलिंग – सर्वसिद्धिदायक और समस्त दोषों का नाशक
अगर आप सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त करना चाहते हैं और अपने जीवन में चल रही बाधाओं से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो पारद शिवलिंग की पूजा करना सबसे शुभ माना जाता है। इसे घर में स्थापित करने से सभी प्रकार के ग्रह दोष दूर होते हैं, मानसिक शांति प्राप्त होती है, और व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।
2. सोने (स्वर्ण) का शिवलिंग – धन, वैभव और ऐश्वर्य प्रदान करने वाला
स्वर्ण शिवलिंग की पूजा करने से धन-संपत्ति, ऐश्वर्य और राजयोग की प्राप्ति होती है। जो व्यक्ति आर्थिक रूप से समृद्ध होना चाहता है और व्यापार या नौकरी में उन्नति की कामना करता है, उसके लिए सोने के शिवलिंग की पूजा उत्तम मानी गई है।
3. चांदी (रजत) का शिवलिंग – मानसिक शांति और सुख-समृद्धि का कारक
अगर आप अपने जीवन में शांति, समृद्धि और मानसिक संतुलन बनाए रखना चाहते हैं, तो चांदी के शिवलिंग की पूजा करें। यह शिवलिंग चंद्रमा के प्रभाव को बढ़ाता है, जिससे मानसिक तनाव कम होता है और पारिवारिक जीवन सुखमय बनता है।
4. तांबे (ताम्र) का शिवलिंग – स्वास्थ्य और आरोग्य प्रदायक
जो व्यक्ति स्वस्थ जीवन और दीर्घायु की कामना रखते हैं, उन्हें तांबे के शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। यह शिवलिंग रोगों से रक्षा करता है, शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और जीवन में सकारात्मकता लाता है।
5. पीतल (पीतल) का शिवलिंग – व्यापार और करियर में सफलता दिलाने वाला
अगर आप व्यापार में तरक्की और नौकरी में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो पीतल के शिवलिंग की पूजा करें। यह व्यापारियों और नौकरीपेशा लोगों के लिए विशेष लाभकारी माना जाता है, क्योंकि यह मंगल ग्रह के प्रभाव को बढ़ाता है और साहस, परिश्रम और आत्मविश्वास में वृद्धि करता है।
6. लोहे (लौह) का शिवलिंग – शत्रुनाश और सुरक्षा देने वाला
जो लोग अपने शत्रुओं से परेशान हैं या किसी भी प्रकार के कोर्ट-कचहरी और मुकदमेबाजी में उलझे हुए हैं, उन्हें लोहे के शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। यह शिवलिंग शत्रुओं का नाश करता है और व्यक्ति को नकारात्मक शक्तियों से बचाव प्रदान करता है।
7. पत्थर (शालिग्राम या ग्रेनाइट) का शिवलिंग – सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला
शिवलिंग का सबसे प्रचलित रूप पत्थर से बना शिवलिंग होता है। शालिग्राम या ग्रेनाइट शिवलिंग की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है।
8. क्रिस्टल (स्फटिक) शिवलिंग – आध्यात्मिक उन्नति और शांति प्रदान करने वाला
जो व्यक्ति आध्यात्मिक उन्नति चाहते हैं और अपनी साधना को सिद्ध करना चाहते हैं, उन्हें स्फटिक शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। यह शिवलिंग मन को शांत करता है, ध्यान में एकाग्रता बढ़ाता है और वास्तु दोषों को दूर करता है।
कौन से धातु का शिवलिंग कहां रखना चाहिए?
- सोने और चांदी का शिवलिंग घर और मंदिर दोनों में स्थापित किया जा सकता है।
- पारद और स्फटिक शिवलिंग साधकों और विशेष तांत्रिक प्रयोग करने वालों के लिए उत्तम होता है।
- तांबे, पीतल और लोहे के शिवलिंग को कार्यालय या व्यापारिक प्रतिष्ठान में रखना शुभ माना जाता है।
- पत्थर का शिवलिंग किसी भी स्थान पर स्थापित किया जा सकता है, लेकिन इसकी विधिवत पूजा आवश्यक होती है।
महाशिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा करने की विधि
- प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- शिवलिंग को गंगा जल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अभिषेक करें।
- बेलपत्र, धतूरा, भांग, सफेद फूल और अक्षत अर्पित करें।
- भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें – “ॐ नमः शिवाय”।
- घी का दीपक जलाएं और आरती करें।
महाशिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, लेकिन अगर आप अपनी इच्छाओं की पूर्ति चाहते हैं, तो उपयुक्त धातु के शिवलिंग का चयन करना जरूरी है। शत्रुनाश के लिए लोहे का शिवलिंग, व्यापार में वृद्धि के लिए पीतल का शिवलिंग, धनलाभ के लिए सोने का शिवलिंग, और सभी सिद्धियों के लिए पारद शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। इस महाशिवरात्रि पर अपनी मनोकामना के अनुसार शिवलिंग की पूजा करें और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करें।
हर-हर महादेव!