✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
बीकानेर में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 23 KVD के पटवारी दीपचंद मीना को 9 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह रिश्वत फसल खराबे के मुआवजे की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के नाम पर मांगी गई थी।
कैसे हुआ पटवारी का ट्रैप?
एसीबी को सूचना मिली थी कि पटवारी दीपचंद मीना किसानों से फसल खराबे के मुआवजे के नाम पर अवैध धन की मांग कर रहा है। इस शिकायत की पुष्टि होने के बाद एसीबी की टीम ने ADSP महावीर शर्मा के निर्देशन में और DSP महेश श्रीमाली के नेतृत्व में योजना बनाकर ट्रैप कार्रवाई को अंजाम दिया। जब पटवारी ने परिवादी से 9 हजार रुपये रिश्वत ली, उसी समय एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
ACB की सख्त कार्रवाई, भ्रष्टाचारियों में हड़कंप
कार्रवाई के तुरंत बाद एसीबी की टीम ने पटवारी से पूछताछ की और रिश्वत की रकम बरामद कर ली। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपी पटवारी लंबे समय से किसानों से अवैध वसूली कर रहा था। एसीबी अब इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है कि इसमें और कौन-कौन लोग शामिल हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी का सख्त रुख
एसीबी अधिकारी महावीर शर्मा ने बताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह अभियान लगातार जारी रहेगा। उन्होंने जनता से अपील की कि यदि कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी उनसे अवैध वसूली करता है तो तुरंत एसीबी को सूचित करें।
किसानों के लिए राहत, भ्रष्ट अधिकारियों पर शिकंजा
यह कार्रवाई किसानों के लिए बड़ी राहत साबित होगी, जो पहले ही प्राकृतिक आपदाओं से परेशान हैं और मुआवजा पाने में भ्रष्टाचार का सामना कर रहे हैं। इस ट्रैप के बाद अन्य भ्रष्ट अधिकारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है।
आगे क्या?
एसीबी की टीम आरोपी पटवारी से पूछताछ कर रही है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। साथ ही, विभाग के अन्य अधिकारियों की भूमिका भी जांच के दायरे में है। अगर कोई और दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।