✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
सोजत। राजस्थान सरकार ने सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने और जातिगत भेदभाव को समाप्त करने के उद्देश्य से अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन राशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया है। यह योजना विशेष रूप से उन जोड़ों के लिए है, जिनमें से एक व्यक्ति अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) से संबंधित है। इस योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता से नवविवाहित जोड़ों को अपने जीवन की नई शुरुआत करने में मदद मिलेगी।
क्या है योजना और कौन ले सकता है लाभ?
राजस्थान सरकार की “अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना” के तहत राज्य में रहने वाले उन जोड़ों को वित्तीय सहायता दी जाती है जो अलग-अलग जातियों से हैं और जिनमें से एक SC/ST वर्ग से आता है। योजना का उद्देश्य जातीय भेदभाव को खत्म करना और सामाजिक समानता को बढ़ावा देना है।
योजना की मुख्य विशेषताएं:
✅ प्रोत्साहन राशि: अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़ों को कुल 10 लाख रुपये दिए जाएंगे।
✅ राशि का वितरण:
- 5 लाख रुपये सीधे दंपति के संयुक्त बैंक खाते में जमा किए जाएंगे।
- 5 लाख रुपये 8 वर्षों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के रूप में रखे जाएंगे।
✅ सरकार का उद्देश्य: सामाजिक समरसता और जातिगत भेदभाव को समाप्त करना।
✅ न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता: इस योजना का लाभ लेने के लिए किसी भी विशेष शैक्षणिक योग्यता की जरूरत नहीं है।
पात्रता एवं शर्तें:
✔️ नवविवाहित जोड़ा राजस्थान का स्थायी निवासी होना चाहिए।
✔️ दंपति में से एक का अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) से संबंधित होना अनिवार्य है।
✔️ विवाह हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के तहत पंजीकृत होना चाहिए।
✔️ आवेदन विवाह के एक वर्ष के भीतर किया जाना चाहिए।
✔️ शादी करने वाले दोनों व्यक्तियों की अधिकतम आयु 35 वर्ष होनी चाहिए।
✔️ परिवार की वार्षिक आय 2.50 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
✔️ यह शादी पहली बार होनी चाहिए, यानी पहले से विवाहित व्यक्ति इस योजना का लाभ नहीं ले सकते।
किन दस्तावेजों की जरूरत होगी?
✅ विवाह प्रमाण पत्र
✅ SC/ST जाति प्रमाण पत्र
✅ आधार कार्ड
✅ राजस्थान का मूल निवास प्रमाण पत्र
✅ संयुक्त बैंक खाता और पैन कार्ड
✅ पासपोर्ट साइज फोटो
कैसे करें आवेदन?
राजस्थान सरकार की इस योजना का लाभ उठाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।
- राजस्थान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की वेबसाइट पर जाएं।
- SSO ID लॉगिन करके ‘SJMS Application’ विकल्प पर क्लिक करें।
- सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें और आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन सबमिट करने के बाद, सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने पर राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में सबसे अधिक प्रोत्साहन राशि
भारत के विभिन्न राज्यों में अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए अलग-अलग योजनाएं हैं, लेकिन राजस्थान में सबसे अधिक आर्थिक सहायता दी जा रही है। उदाहरण के लिए:
- मध्यप्रदेश – 2.5 लाख रुपये
- हरियाणा – 2.5 लाख रुपये
- उत्तर प्रदेश – 50 हजार रुपये
- बिहार – 1 लाख रुपये
सरकार की यह पहल क्यों जरूरी?
अंतरजातीय विवाहों को बढ़ावा देने से समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव कम होगा और युवा पीढ़ी के लिए सामाजिक समानता और सौहार्द को अपनाने की प्रेरणा मिलेगी। राजस्थान सरकार की यह योजना सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
राजस्थान सरकार की यह योजना उन जोड़ों के लिए सुनहरा अवसर है, जो जातिगत भेदभाव की बेड़ियों को तोड़कर विवाह करना चाहते हैं। 10 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का काम करेगी।
(अधिक जानकारी के लिए राजस्थान सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं)
अंतरजातीय विवाह पर राजस्थान सरकार की बड़ी सौगात: ओबीसी युवक और एससी/एसटी युवती की शादी पर मिलेंगे 10 लाख रुपये
✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
राजस्थान सरकार समाज में जातिगत भेदभाव को समाप्त करने और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए डॉ. सविता बेन अंबेडकर अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना चला रही है। इस योजना के तहत अगर कोई ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समुदाय का युवक अनुसूचित जाति (एससी) या अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय की युवती से विवाह करता है, तो उसे सरकार द्वारा 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। सरकार का मानना है कि इस योजना से समाज में जातीय भेदभाव कम होगा और अंतरजातीय विवाहों को प्रोत्साहन मिलेगा।
क्या है योजना और कितनी मिलेगी आर्थिक सहायता?
राजस्थान सरकार ने इस योजना के तहत अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़ों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए 10 लाख रुपये की सहायता देने का प्रावधान किया है। यह राशि दो हिस्सों में दी जाती है—
- 5 लाख रुपये की राशि सीधे जोड़े के संयुक्त बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
- शेष 5 लाख रुपये को 8 वर्षों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के रूप में जमा किया जाता है।
FD की अवधि पूरी होने के बाद यह राशि भी जोड़े को दे दी जाती है। इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि वे आर्थिक रूप से सुरक्षित रहें और विवाह के बाद आत्मनिर्भर बन सकें।
कौन ले सकता है इस योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना आवश्यक है—
- अंतरजातीय विवाह: विवाह करने वाले जोड़े में से एक व्यक्ति एससी/एसटी समुदाय से और दूसरा ओबीसी समुदाय से होना चाहिए।
- आयु सीमा: शादी करने वाले युवक और युवती दोनों की अधिकतम आयु 35 वर्ष होनी चाहिए।
- राजस्थान के निवासी: इस योजना का लाभ केवल उन्हीं दंपतियों को मिलेगा जो राजस्थान के स्थायी निवासी हैं।
- आय सीमा: दोनों की संयुक्त वार्षिक आय 2.50 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- पहला विवाह: यह योजना केवल पहली शादी करने वाले जोड़ों के लिए