*नेम प्रकाशन के मायड़भाषा पुरस्कार 2025 की घोषणा*
*राजस्थानी भाषा के 30 साहित्यकार होंगे सम्मानित*
*पदम मेहता को मिलेगा 1 लाख रुपये का सर्वोच्च साहित्य सम्मान*
*रामस्वरूप किसान होंगे शिखर सम्मान से सम्मानित*
वरिष्ठ पत्रकार पवन पहाड़िया
डेह, नागौर। नेम प्रकाशन, डेह की ओर से आयोजित मायड़भाषा राजस्थानी के सबसे बड़े सालाना जलसे में राजस्थानी भाषा के 30 उम्दा साहित्यकारों को उनकी श्रेष्ठ सृजना के लिए भाषा पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार आयोजन समिति के *समन्वयक एवं वरिष्ठ कवि-समालोचक लक्ष्मण दान कविया* ने बताया कि इस बार का पुरस्कार *समारोह 20 अप्रैल 2025 को डेह के प्रसिद्द कुंजल माता मंदिर परिसर* में सम्पन्न होगा, जिसमें राजस्थानी भाषा की विविध विधाओं यथा *कविता, कहानी, उण्यस, नाटक, डायरी, संस्मरण, रेखाचित्र, शोध-सर्वेक्षण, प्राच्य विद्या, डिंगल, महिला लेखन, बाल साहित्य, भाषा मान्यता, भक्ति साहित्य इत्यादि क्षेत्रों में उत्कृष्ट सृजन करने वाले 30 शब्दशिल्पियों का अभिनंदन* किया जाएगा।
आयोजन समिति अध्यक्ष एवं वरिष्ठ साहित्यकार *पवन पहाड़िया* ने बताया कि इस वर्ष *1 लाख रुपये का निर्मलकुमार सेठी राजस्थानी सर्वोच्च साहित्य सम्मान पदम मेहता जोधपुर* को उनके सम्पूर्ण रचनात्मक अवदान के लिए प्रदान किया जाएगा, वहीं *50 हजार राशि का रूपचंद समदड़िया राजस्थानी शिखर सम्मान परलीका के वरिष्ठ कलमकार रामस्वरूप किसान* को राजस्थानी भाषा के विकास में बहुमूल्य योगदान के लिए दिया जाएगा। पहाड़िया ने बताया कि नेम प्रकाशन का उद्देश्य मायड़भाषा राजस्थानी के संवर्द्धन एवं विकास की दिशा में प्रयासरत हर-एक व्यक्ति के योगदान को रेखांकित कर उसे सम्मान देने का है। यह सम्मान विगत डेढ़ दशक से दिया जा रहा है। अब तक इस संस्थान से *राजस्थानी के 109 साहित्यकार सम्मानित* हो चुके हैं। इस वर्ष की संख्या मिलाने पर 139-साहित्यकारों को सम्मानित करने का गौरव नेम प्रकाशन के नाम होगा।
आयोजन के संयोजक *डॉ. गजादान चारण* ने बताया कि सर्वोच्च एवं शिखर सम्मान के साथ ही विविध विधाओं के लेखन में विशिष्ट अवदान देने हेतु 28 कलमकारों को अलग-अलग पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा, जिसमे नेमीचंद पहाड़िया पद्य पुरस्कार ‘ईश्वर अल्लाह तेरो नाम’ कृति पर किशन कबीरा-राजसमंद को; अमराव देवी पहाड़िया गद्य पुरस्कार ’पाछी बावड़जे मिजाजण’ कृति के लिए जगदीश भारती-कोटा को; सोहनीं देवी सुरजमल पांड्या व्यंग्य पुरस्कार ‘कड़कोल्या’ कृति के लिए गोरस प्रचंड-कोटा को, कमला देवी पहाड़िया उपन्यास पुरस्कार ‘फांस’ कृति के लिए ऋतु शर्मा-बीकानेर को; मोहनदान गाडण भक्ति काव्य पुरस्कार ‘वीर शिरोमणि पाबूजी(ख्याल)’ कृति के लिए चतुरसिंह राजपुरोहित-रीयां बड़ी को; सोहनदान सिंढायच डिंगल काव्य पुरस्कार ‘रूड़ो राजस्थान : गौरव ज्ञान हजारा’ कृति के लिए गोकुलदान खिड़िया-मालासी लाड़नूं को; जुगलकिशोर जैथलिया राजस्थानी भाषा सेवा पुरस्कार ‘ढूंढाड़ी महक’ कृति एवं वर्षों की राजस्थानी सेवा हेतु कल्याणसिंह शेखावत ‘भाईड़ा’-जयपुर को; गोपीलाल चैनसुख सेठी राजस्थानी साहित्य पुरस्कार ‘अस्यौ छै म्हारौ गांव’ कृति के लिए डॉ कृष्णा कुमारी-कोटा को; कंवरलाल मच्छी महिला लेखन पुरस्कार ‘आभो’ कृति के लिए दीपा परिहार-जोधपुर को; चण्डीदान देवकरणोत अनुवाद पुरस्कार ‘ब्रहापुत्र रै आसै पासै’ कृति के लिए डॉं नमामी शंकर आचार्य-बीकानेर को; अमित सिंह चौहान बाल साहित्य पुरस्कार ‘नानी क्यूं उदास है’ कृति के लिए दीनदयाल शर्मा-हनुमानगढ को; गोपालसिंह उदावत वय-वंदन पुरस्कार ‘उडाण ’ कृति के लिए राजेन्द्र मोहन शर्मा जयपुर को, भंवरलाल बेताल गद्य पुरस्कार ‘राजस्थानी आडियां में जनजीवन’ कृति हेतु डॉ काळू खां देसवाळी-मेड़ता को; राजकंवर लोक-कलाकार पुरस्कार ‘वर्षों की लोककला सेवा हेतु’ लोकगायक कालूराम प्रजापति-जोधपुर को; नाथूराम चौधरी राजस्थानी साहित्य पुरस्कार ‘पांख्या लिख्या ओळमा’ कृति के लिए डॉ. हरिमोहन सारस्वत ‘रूंख’-सूरतगढ़ को; केशवदान सांदू ‘शिव’ पद्य पुरस्कार ‘परणी या कंवारी’ कृति हेतु मदनसिंह राठौड़-सोलंकिया तला शेरगढ़ को; बलदेवराम छीलरा राजस्थानी साहित्य पुरस्कार ‘हाडी राणी री रणभेरी’ कृति हेतु कवि रूपजी रूप-झालावाड़ को; वैद्य बंशीधर पारीक वानिकी एवं पर्यावरण पुरस्कार ‘भावां री रमझोळ’ कृति हेतु विजय जोशी-कोटा को; लादीदेवी मोटाराम झाडवाड़ राजस्थानी सृजन पुरस्कार ‘कदै आवसी भोर’ कृति हेतु नंदू राजस्थानी-देवली को; शिंभूराम धोळया राजस्थानी कहाणी पुरस्कार ‘केसर रा छांटा’ कृति के लिए शकुंतला पालीवाल-उदयपुर को; बख्तावरदान जुगतावत पद्य पुरस्कार ‘यूं रचे है आपां ने किताब’ कृति हेतु अरशद अली अशद बीकानेर को;रतन कंवर ऊमरदान खिड़िया गद्य पुरस्कार ‘सत रौ बळ’ कृति के लिए चौथमल प्रजापति-बूंदी को; गीता देवी बजरंगदास गौतम राजस्थानी लघुकथा पुरस्कार ‘तिस’ कृति के लिए पूर्णिमा मित्रा-बीकानेर को; बाबा रघुनाथराम बेनीवाल बाल गद्य पुरस्कार ‘राधा इस्कूल जायेगी’ कृति के लिए कुसुम अग्रवाल-राजसमंद को; हरिदेवी शेराराम दंतुसलिया गद्य पुरस्कार ‘प्रीत रा परिंदा’ कृति के लिए बद्रीलाल दिव्य-कोटा को; कमला देवी भंवर पृथ्वीराज साहित्य पुरस्कार ‘था सूं मिलता ई’ कृति के लिए मंजू किशोर ‘रश्मि’-कोटा को; मोहनराम छाबा साहित्य पुरस्कार ‘मनड़ै री बात’ कृति हेतु प्रो. संजू श्रीमाली-बीकानेर को; दिलीप कुमार पहाड़िया युवा पुरस्कार ‘बिरादरी’ कृति के लिए सतीश सम्यक-नोहर को प्रदान किया जाएगा।
समिति के संरक्षक एवं सेवानिवृत्त अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक *सुखदेव सिंह गाडण* ने बताया कि पुरस्कार चयन में *लक्ष्मण दान कविया, पवन पहाड़िया, डॉ. गजादान चारण, श्रीराम वैष्णव, गोविंद सिंह कविया, सांवलदान कविया ने निर्णायक की भूमिका* अदा की। समिति के वरिष्ठ सदस्य फतूराम छाबा ने सबका आभार ज्ञापित किया।
नेम प्रकाशन के मायड़भाषा पुरस्कार 2025 की घोषणा पदम मेहता को मिलेगा 1 लाख रुपये का सर्वोच्च साहित्य सम्मान

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