कविता मन की व्यथा को दूर करती है – लक्ष्मण दान कविया

रिपोर्ट : वरिष्ठ पत्रकार पवन पहाड़िया डेह नागौर
मूंडवा – अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति, राजस्थानी भाषा प्रसार संस्थान के संस्थापक एवं राजस्थानी के वरिष्ठ कवि लक्ष्मण दान कविया ने कविता को मन की व्यथा दूर करने का माध्यम बताया है। कविया ने विश्व कविता दिवस ( 21 मार्च) के शुभ अवसर पर अपना बयान जारी कर कहा कि कविता में आम आदमी की व्यथा की झलक मिलती है। मनुष्य के हर दिन की चुनौतियों को कविता एक नया आयाम प्रस्तुत कर उनसे हिम्मत के साथ सामना करने की प्रेरणा देने वाली शक्ति भी कविता ही देती है। कविता व्यक्ति के अंतःकरण को जगाने का सामर्थ्य रखती है जिससे व्यक्ति अंधकार से निजात पाकर आलोक की तरफ अग्रसर होता है। तम से उजास की ओर ले जाने वाली भी कविता होती है। कविया ने कहा कि गागर में सागर भरने की शक्ति भी कविता में ही होती है। हजारों वर्षों से कविता मनुष्य का मनोरंजन करने के साथ साथ अपने कर्तव्य एवं दायित्व के प्रति निर्वाह करने का मार्ग भी कविता दिखलाती आ रही है। कविता आदमी को आत्मचिंतन करने के लिए विवश भी करती है। आज के वैज्ञानिक भौतिक युग में भी कविता का स्थान सर्वोपरि है। कवि सम्मेलनों में कविता सुनने के लिए हजारों लोग आज भी जाते हैं इससे कविता की महत्ता उजागर होती है।