




सोजत, 22 मार्च: सोजत में शुक्रवार को शीतला सप्तमी का भव्य मेला आयोजित किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने माता शीतला का आशीर्वाद प्राप्त किया। मेले में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी, श्रद्धालुओं ने धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया और पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन किया।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं
श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए थे। स्वच्छ पेयजल, चिकित्सा सहायता और विश्राम स्थल जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। सुरक्षा के दृष्टिकोण से मेले के प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए और पुलिस बल की विशेष तैनाती की गई।
मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। वाहन पार्किंग के लिए अलग स्थान निर्धारित किए गए थे, जिससे यातायात सुचारू रूप से संचालित हो सके।
गैर नृत्य बना मुख्य आकर्षण
मेले में राजस्थानी गैर नृत्य विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। कलाकारों ने ढोल और थाली की थाप पर मनमोहक प्रस्तुतियां दीं, जिससे मेला स्थल पर सांस्कृतिक उत्साह चरम पर रहा। गुलाल उड़ाते गैर नर्तकों ने वातावरण को रंगीन बना दिया।
बच्चों और व्यापारियों में उत्साह
मेले में बच्चों के लिए झूले, खिलौनों और मनपसंद व्यंजनों की भरमार रही। अलग-अलग स्टॉलों पर राजस्थानी व्यंजन, चूड़ियां, पारंपरिक आभूषण और अन्य वस्तुएं उपलब्ध थीं, जिससे व्यापारी वर्ग भी खासा उत्साहित नजर आया।
धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक विरासत का संगम
शीतला सप्तमी मेला न केवल श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाता है। यह मेला क्षेत्रवासियों के लिए एक बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जहां सभी लोग धार्मिक और सामाजिक रूप से एकजुट होते हैं।
इस बार का शीतला सप्तमी मेला भी श्रद्धालुओं के लिए यादगार साबित हुआ, जहां भक्ति, उत्सव और संस्कृति का अनोखा संगम देखने को मिला।