आत्मा अजर अमर है देह नश्वर हैं इंसान आता है और चला जाता है परंतु उसके सद्कार्यों की स्मृति सदैव चिर स्मरणीय रहेंगी उपरोक्त उद्गार लूनी में धर्मात्मा पुण्यात्मा श्रीमती पूर्णिमा दवे की स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शिक्षा विद गणपत दवे ने व्यक्त किए।
वहीं सोजत से आए चेतन व्यास ने कहा कि जीवन क्षण भंगुर हैं दुर्लभ जीवन को सद्कार्यों में लगाना चाहिए वही कथा व्यास मुकेश भाई ओझा ने दिव्यात्मा को सरल स्वभाव का बताते संकीरतन एवं 11 बार श्री कृष्ण गोविन्द हरे मंत्र का सस्वर वाचन करवाया।
श्रद्धांजलि पुष्पांजलि सभा में चंद्र प्रकाश, घनश्याम दवे,राजेंद्र, राकेश जितेन्द्र दवे,रमेश चंद्र,चंद्र शेखर, चेतन व्यास, राजकुमार व्यास,अजय त्रिवेदी,गणपत दवे, निर्मल दवे,किशोर, हनुमान प्रजापत, राकेश व्यास,उमेश दवे, नरसिंह अखेराज,विजय कुमार,
कपिल,सचिन,दीपक, योगेश,पीयुष, जितेन्द्र व्यास, ब्रजेश व्यास, सहित बड़ी संख्या में गणमान्य जनों ने श्ररदासुमन अर्पित किए।,राघव ओझा, सहित बड़ी संख्या में गणमान्य जन उपस्थित थे। इस मौके भगवद भजन एवं संकीर्तन किया गया।