सोजत न्यूज़ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
जयपुर, सोजत – राजस्थान सरकार ने किसानों की सुरक्षा और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तारबंदी अनुदान योजना में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब छोटे एवं सीमांत किसान, जिनके पास केवल 0.5 हेक्टेयर भूमि है, वे भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। इससे पहले यह लाभ 1.5 हेक्टेयर भूमि वाले किसानों को ही मिलता था।
कृषि विभाग के संशोधित दिशा-निर्देश
गंगापुरसिटी के सहायक कृषि अधिकारी पिंटू लाल मीना ने बताया कि वर्ष 2025-26 में किसानों की मांग को देखते हुए राज्य सरकार ने तारबंदी योजना के लिए भूमि की न्यूनतम सीमा घटाकर 0.5 हेक्टेयर कर दी है। यह निर्णय छोटे किसानों के लिए वरदान साबित होगा। इस फैसले के लिए किसान कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीना और राज्य सरकार का आभार व्यक्त कर रहे हैं।
तारबंदी योजना के तहत अनुदान
राज्य सरकार किसानों को कांटेदार तारबंदी, चैनलिंक तारबंदी और वर्गाकार नोड फेंसिंग करवाने पर अनुदान प्रदान कर रही है। यह योजना किसानों की फसलों को आवारा पशुओं और अन्य क्षति से बचाने के लिए चलाई जा रही है।
योजना के भौतिक लक्ष्य और पात्रता
- प्रत्येक जिले में इस योजना के लिए वार्षिक लक्ष्य निर्धारित किए जाते हैं।
- किसान राजस्थान का मूल निवासी होना चाहिए।
- न्यूनतम 0.5 हेक्टेयर भूमि वाले किसान इस योजना के लिए पात्र होंगे।
- यदि किसी किसान के पास 0.5 हेक्टेयर भूमि नहीं है, तो वह अपने पड़ोसी के साथ समूह में आवेदन कर सकता है।
- सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए 10 या अधिक किसान मिलकर 5 हेक्टेयर भूमि पर तारबंदी कर सकते हैं।
अनुदान की दरें
- व्यक्तिगत किसान को 400 मीटर लंबी तारबंदी पर 50% या 100 रुपये प्रति मीटर के हिसाब से अधिकतम 40,000 रुपये का अनुदान मिलेगा।
- लघु एवं सीमांत किसानों को 400 मीटर लंबी तारबंदी पर 60% या 120 रुपये प्रति मीटर के हिसाब से अधिकतम 48,000 रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा।
- सामूहिक रूप से 10 किसान मिलकर यदि 5 हेक्टेयर भूमि पर तारबंदी करते हैं, तो उन्हें 70% अनुदान यानी 140 रुपये प्रति मीटर के हिसाब से अधिकतम 56,000 रुपये प्रति किसान तक मिलेगा।
आवश्यक दस्तावेज
- नवीनतम प्रमाणित संयुक्त नक्शा ट्रेस
- जमाबंदी
- जनाधार कार्ड
- आधार कार्ड
- लघु एवं सीमांत किसान प्रमाण पत्र
आवेदन प्रक्रिया
- किसान ई-मित्र केंद्र या राज किसान साथी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
- आवेदन स्वीकृत होने के बाद, किसानों को तारबंदी के लिए स्वीकृति दी जाएगी।
- कार्य पूरा होने पर किसान को संबंधित कृषि अधिकारी को बिल प्रस्तुत करने होंगे।
- भौतिक सत्यापन के बाद, अनुदान राशि सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
पहले आओ, पहले पाओ योजना
राज्य सरकार की इस योजना में आवेदन पत्रों का निस्तारण पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जाता है।
इस नई नीति से सीमांत एवं लघु किसानों को उनकी फसलों की सुरक्षा के लिए तारबंदी करवाने में आर्थिक मदद मिलेगी, जिससे उनका आर्थिक सशक्तिकरण होगा।