✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
जयपुर/सोजत।
राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने एक और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए प्रदेश की बेटियों के विवाह में सामाजिक और आर्थिक सहयोग देने की दिशा में एक नई योजना की शुरुआत की है। ‘सरस लाडो मायरा योजना’ नामक इस पहल की औपचारिक शुरुआत आज से हो गई है। इस योजना को जयपुर डेयरी के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा।
जयपुर डेयरी के 1.5 लाख पंजीकृत दुग्ध उत्पादक किसानों को इस योजना का सीधा लाभ मिलेगा। योजना के तहत यदि इन किसानों की बेटी की शादी होती है, तो राज्य सरकार ₹21,000 की राशि पारंपरिक मायरे के रूप में प्रदान करेगी।
योजना की खास बातें:
- यह योजना पारंपरिक “मायरा” प्रथा को सम्मान देने का एक प्रयास है, जो राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है।
- मायरा की यह राशि शादी के अवसर पर बेटी के ननिहाल (मायके) से दी जाने वाली आर्थिक मदद के रूप में दी जाएगी।
- राज्य सरकार और जयपुर डेयरी मिलकर इस योजना को लागू कर रहे हैं।
- इसका उद्देश्य ग्रामीण किसानों को आर्थिक सहारा देना और बेटी के विवाह को गरिमामय बनाना है।
सरकार का दृष्टिकोण:
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि यह योजना बेटियों को सम्मान देने और पारंपरिक मूल्यों को मजबूत करने का एक जरिया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार गरीब और मध्यम वर्ग के किसान परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
ग्रामीणों में खुशी की लहर:
इस योजना की घोषणा के साथ ही राज्यभर के दुग्ध उत्पादक किसान परिवारों में उत्साह और खुशी की लहर दौड़ गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह पहल एक सामाजिक परिवर्तन की शुरुआत मानी जा रही है।
भविष्य में हो सकता है विस्तार:
सूत्रों के अनुसार, यदि यह योजना सफल रहती है, तो भविष्य में इसका दायरा बढ़ाकर अन्य श्रेणी के किसानों और बेटियों को भी शामिल किया जा सकता है।
यह योजना न केवल एक आर्थिक सहायता है, बल्कि सामाजिक सरोकारों को निभाने का भी प्रतीक है। राजस्थान सरकार का यह कदम निश्चित रूप से देशभर में एक मिसाल बन सकता है।
यह खबर आप तक सबसे पहले ला रहा है – वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा के साथ।