✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
अमरावती (महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र के अमरावती शहर में पुलिस ने एक बड़े अवैध गोरखधंधे का भंडाफोड़ किया है, जहां खराब और एक्सपायर्ड सीमेंट को नामी कंपनियों की बोरियों में भरकर बेचा जा रहा था। यह मामला न केवल एक गंभीर आर्थिक धोखाधड़ी है, बल्कि इससे इमारतों की गुणवत्ता और लोगों की जान पर भी संकट खड़ा हो सकता था।
पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 1400 नकली सीमेंट बैग जब्त
अमरावती पुलिस की अपराध शाखा यूनिट-1 को खुफिया जानकारी मिली थी कि शहर में नकली सीमेंट का रैकेट चल रहा है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने शहर के कई इलाकों में एक साथ छापेमारी की। इस दौरान लगभग 1,400 नकली सीमेंट के बैग बरामद किए गए, जिनमें खराब, नमी युक्त और एक्सपायर्ड सीमेंट भरा हुआ था।
खराब सीमेंट को पीसकर दोबारा किया जा रहा था उपयोग
पुलिस की जांच में सामने आया कि यह सीमेंट पहले से ही नमी के कारण पत्थर जैसा हो चुका था। आरोपी इस पत्थरनुमा सीमेंट को पीसकर दोबारा उपयोग में ले रहे थे और उसे नई बोरियों में भरकर ऊंची कीमत पर बेच रहे थे।
बड़ी ब्रांडिंग के नाम पर लोगों को ठगा
इस गिरोह ने नामी ब्रांड की सीमेंट कंपनियों की खाली बोरियां जुटा रखी थीं। इसी में यह घटिया और खराब सीमेंट पैक करके बाजार में बेच रहे थे, ताकि ग्राहकों को लगे कि वे विश्वसनीय कंपनी का उत्पाद खरीद रहे हैं।
दो आरोपी गिरफ्तार, एक फरार
पुलिस ने इस मामले में दो मुख्य आरोपियों — शाहरुख हुसनेवाला और अफजल — को गिरफ्तार किया है। वहीं, एक अन्य आरोपी हारुन कुरैशी की तलाश जारी है। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि यह रैकेट पिछले चार महीनों से सक्रिय था और बड़ी मात्रा में नकली सीमेंट की आपूर्ति की जा चुकी है।
डीसीपी गणेश शिंदे का बयान
अमरावती के डीसीपी गणेश शिंदे ने बताया कि, “यह मामला केवल आर्थिक अपराध नहीं है, बल्कि यह लोगों की जान से खेलने जैसा है। नकली सीमेंट से बनी इमारतें भविष्य में खतरा बन सकती हैं। हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह सीमेंट किन परियोजनाओं में इस्तेमाल हुआ।”
लोगों की जान को खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार, खराब गुणवत्ता का सीमेंट इमारत की नींव को कमजोर करता है। यदि इस नकली सीमेंट का इस्तेमाल किसी आवासीय या व्यावसायिक निर्माण में हुआ है, तो इससे भारी दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
जांच जारी, सैंपल लैब भेजे गए
पुलिस ने जब्त किए गए नकली सीमेंट के सैंपल लैब जांच के लिए भेज दिए हैं। साथ ही, गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश भी की जा रही है।
यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर निगरानी कितनी जरूरी है। यदि समय रहते पुलिस कार्रवाई नहीं करती, तो यह नकली सीमेंट कई जानलेवा हादसों का कारण बन सकता था।