✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
सोजत (पाली)।
सोजत नगर में कैंसर एक जानलेवा संकट बनकर उभर रहा है। यहां हर महीने दो से तीन लोगों की मौत कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से हो रही है। इसके बावजूद सोजत के राजकीय चिकित्सालय में अब तक कोई कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर नियुक्त नहीं किया गया है। यह अस्पताल जिले का सबसे बड़ा अस्पताल है, लेकिन यहां कैंसर रोगियों के इलाज के लिए जरूरी ढांचागत सुविधाएं और विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है।
ताजा मामला रविवार को सामने आया, जब सोजत निवासी सुंदरी देवी पत्नी अशोक कुमार की मौत कैंसर से हो गई। बताया जा रहा है कि पिछले कई महीनों से उनका इलाज निजी स्तर पर चल रहा था, लेकिन राजकीय चिकित्सालय में कैंसर संबंधी किसी भी सुविधा का न होना, परिजनों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना रहा।
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर समय रहते सरकारी अस्पताल में कैंसर की जांच और इलाज की सुविधाएं उपलब्ध हो जाएं, तो कई जिंदगियों को बचाया जा सकता है। हर महीने सामने आ रहे नए कैंसर मामलों से यह साफ है कि यह बीमारी अब सोजत नगर में गंभीर स्वास्थ्य संकट का रूप ले चुकी है।
यह हैं मुख्य समस्याएं *–
सोजत के सरकारी अस्पताल में कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर की नियुक्ति नहीं।
जांच के लिए मरीजों को पाली, जोधपुर या अजमेर भेजा जाता है।
समय पर इलाज नहीं मिलने से मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है।
सरकारी सिस्टम की अनदेखी से गरीब मरीज सबसे ज्यादा प्रभावित।
स्थानीय मांगें –
राजकीय चिकित्सालय में कैंसर विभाग की स्थापना की जाए।
ऑन्कोलॉजिस्ट (कैंसर विशेषज्ञ) की तत्काल नियुक्ति हो।
मुफ्त कैंसर जांच शिविरों का आयोजन किया जाए।
जागरूकता अभियान चलाकर आमजन को प्रारंभिक लक्षणों के प्रति संवेदनशील किया जाए।
जनता की आवाज:*
स्थानीय नागरिक अशोक कुमार ने बताया, “अगर सोजत अस्पताल में ही कैंसर की जांच और इलाज की सुविधा होती तो शायद मेरी पत्नी की जान बच सकती थी। अब और देर हुई तो सैकड़ों और जिंदगियां जाएंगी।”
अब वक्त आ गया है कि सरकार इस गंभीर स्थिति को गंभीरता से ले। सोजत जैसे नगर में जहां रोजाना दर्जनों मरीज अस्पताल पहुंचते हैं, वहां कैंसर जैसे रोग के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर की नियुक्ति और समुचित सुविधा अत्यंत जरूरी हो गई है। यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह चुपचाप बढ़ता संकट एक बड़े जनस्वास्थ्य आपदा का रूप ले सकता है।
जागो नगर वासियों जागो आज ही अपने विधायक सांसद और नेताओं से करो मांग