सोजत।स्थानीय उपखंड कार्यालय के बाहर सोमवार को साटिया साहूकार समाज के करीब 10-12 परिवारों ने धरना देकर प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध प्रकट किया। इन परिवारों का आरोप है कि उन्हें जोधपुरिया गेट के पास नदी किनारे उनके अस्थाई डेरे से बिना किसी पूर्व सूचना और जबरदस्ती बलपूर्वक हटाया गया है।
घुमंतू जीवनशैली का हवाला
साहूकार समाज के हंजा, दाकू, हस्तु, अनीता, आजाद, मादाराम, हरिराम, लालूराम, कालूराम, आकाश और मालाराम आदि ने बताया कि वे घुमंतू प्रवृत्ति के लोग हैं, जो पीढ़ियों से इसी तरह जीवन यापन करते आ रहे हैं। उनका कहना है कि मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे तेज गर्मी के बीच नगरपालिका कर्मी पुलिस बल के साथ पहुंचे और उन्हें बलपूर्वक हटाया गया। इस दौरान बुजुर्ग महिलाओं और लड़कियों के साथ धक्का-मुक्की व अभद्र व्यवहार भी किया गया।प्रशासन का पक्ष
पालिका प्रशासन का कहना है कि कुछ परिवारों द्वारा नदी क्षेत्र में अतिक्रमण किया गया था, जिसे हटाया गया है। प्रशासन ने किसी प्रकार के बल प्रयोग से इनकार किया है और कहा है कि पूरी कार्रवाई शांति पूर्ण ढंग से की गई।
समाज का आक्रोश
धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि वे गरीब परिवार हैं, दिन भर मेहनत-मजदूरी कर जीवन चलाते हैं। उनके बच्चों के लिए न तो कोई स्कूल है, न कोई अन्य मूलभूत सुविधा। बीपीएल श्रेणी में आने के बावजूद उनके साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार किया गया है, जो निंदनीय है।
न्याय की मांग
साहूकार समाज के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें पुनः सुरक्षित स्थान पर बसाया जाए और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।