पाली, सोजत – राजस्थान में गौ वंश संरक्षण कानूनों को दरकिनार कर भारी संख्या में गौ वंश को अवैध रूप से कत्लखानों की ओर भेजे जाने की घटना ने प्रदेशभर के गौभक्तों और संत समाज को झकझोर दिया है। बलदेव पशु मेला, मेड़ता जिला नागौर से 400 गोवंश को 52 ट्रकों में भरकर में कत्लखाने ले जाया जा रहा था, जिसे बांसवाड़ा जिले में गौरक्षा दलों द्वारा रोका गया।
ट्रकों में गोवंश को बिना चारा-पानी के, ठूंस-ठूंसकर भरे जाने से तीन गोवंश की मृत्यु भी हो गई, जिससे पूरे राज्य में आक्रोश फैल गया है। गौसेवा नियमों और राजस्थान गौवंशीय पशु (वध का प्रतिरोध और अस्थायी प्रजनन या निर्यात का विनियमन) अधिनियम, 1995 के प्रावधानों की खुल्लमखुल्ला अवहेलना इस मामले में उजागर हुई है।
इस घटना से आहत होकर सोजत सिटी, सोजत रोड, बगड़ी नगर, मुसालिया क्षेत्र के गौभक्तों ने पाली जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर रोष व्यक्त किया और गोवंश की रक्षा हेतु कड़े कदम उठाने की मांग की।
ज्ञापन सौंपने वालों में दिनेश मेवाड़ा, जुगराज, मनीष जागिड़, भेराराम प्रजापत, बालकिशन उणेचा, सुरेंद्र, मनीष, धनराज प्रजापत, सुरज, चैनसिंह, महेश, सोनराज, मनोज, शरवण, मांगीलाल और मनोहर भाटी शामिल रहे।
गौभक्तों की मांग है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, गोवंश के अवैध परिवहन और वध पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए, तथा प्रदेशभर में गौसेवा और संरक्षण के लिए सशक्त प्रणाली बनाई जाए।