✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
सोजत (पाली)। मानवता की मिसाल पेश करते हुए सोजत नगर के युवा हितेश ने आज सोजत चिकित्सालय में 12वीं बार रक्तदान कर समाज के सामने एक प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत किया। कम उम्र में ही रक्तवीर बन चुके हितेश ने इस बार एक अनजान बहन के जीवन को बचाने के लिए रक्तदान किया, जो अस्पताल में भर्ती थी और उसे तुरंत खून की आवश्यकता थी।
हितेश का यह समर्पण न केवल प्रशंसनीय है, बल्कि आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणा भी है। उन्होंने बिना किसी स्वार्थ और परिचय के एक अनजान बहन के लिए रक्तदान किया, जिसे समय पर रक्त नहीं मिलता तो स्थिति गंभीर हो सकती थी। चिकित्सकों ने बताया कि हितेश का दिया गया रक्त मरीज के लिए संजीवनी साबित हुआ।
हितेश का कहना है कि, “रक्तदान सबसे बड़ा दान है। अगर हमारा रक्त किसी की जान बचा सकता है, तो इससे बड़ा कोई पुण्य नहीं हो सकता। हर स्वस्थ व्यक्ति को नियमित रूप से रक्तदान करना चाहिए।”
स्थानीय नागरिकों और अस्पताल प्रशासन ने हितेश के इस कदम की सराहना की है। चिकित्सालय के डॉ. एल.एन. चौधरी ने कहा कि, “हितेश जैसे युवा हमारे समाज की असली ताकत हैं। उनका यह योगदान समाज को एक नई दिशा देता है।”
कम उम्र, बड़ा जज़्बा
जहां आज के युवा सोशल मीडिया और फैशन की दुनिया में व्यस्त हैं, वहीं हितेश जैसे युवा समाज सेवा और मानवता को प्राथमिकता दे रहे हैं। यह उनका 12वां स्वैच्छिक रक्तदान है, और हर बार उन्होंने किसी न किसी जरूरतमंद की जान बचाने में मदद की है।
स्थानीय समाजसेवी संस्थाओं ने किया सम्मानित
हितेश के इस कार्य की सराहना करते हुए कई समाजसेवी संगठनों ने उन्हें सम्मानित करने की घोषणा की है। उनके इस योगदान से सोजत नगर में रक्तदान के प्रति नई जागरूकता पैदा हो रही है।
हितेश का यह कार्य यह दर्शाता है कि समाज में अभी भी ऐसे लोग मौजूद हैं जो बिना किसी अपेक्षा के केवल मानवता के लिए आगे आते हैं। सोजत नगर को अपने इस सपूत पर गर्व है।