✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
पाली। जिले में बुधवार को अचानक अफरा-तफरी का माहौल बन गया जब सीईटीपी नंबर 6 पर ‘हवाई हमले’ की खबर आई। देखते ही देखते मौके पर एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, सिविल डिफेंस, स्काउट गाइड और मीडिया का जमावड़ा लग गया। हालांकि बाद में स्पष्ट किया गया कि यह एक मॉक ड्रिल थी, जिसे जिला एवं पुलिस प्रशासन ने आपात स्थिति से निपटने की तैयारी के तहत आयोजित किया था।
इस मॉक ड्रिल में करीब 76 लोगों को घायल दर्शाया गया, जिन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। कलेक्टर एल.एन. मंत्री और पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट स्वयं मौके पर पहुंचे और पूरी स्थिति की निगरानी की। प्रशासनिक अमले ने इस दौरान अस्पताल जाकर वहां की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया, ताकि वास्तविक आपदा के समय किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो।
सीईटीपी नंबर 6 पर आयोजित इस मॉक ड्रिल में एंबुलेंस सेवा, फायर ब्रिगेड, आपदा प्रबंधन दल, सिविल डिफेंस, स्काउट गाइड और विभिन्न प्रशासनिक इकाइयों ने सक्रिय भूमिका निभाई। घटनास्थल पर मीडिया की भी भारी मौजूदगी रही, जिसने पूरी ड्रिल को कवरेज प्रदान किया।
कलेक्टर एल.एन. मंत्री ने बताया कि यह मॉक ड्रिल राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों के तहत आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य विभिन्न विभागों के बीच आपसी समन्वय की जांच करना था। उन्होंने कहा कि “ऐसे अभ्यास हमें वास्तविक आपदा से निपटने में सक्षम बनाते हैं और हमारी तैयारियों की परख भी होती है।”
इस मॉक ड्रिल से न केवल प्रशासनिक एजेंसियों की तत्परता का परीक्षण हुआ बल्कि आमजन में भी सुरक्षा को लेकर जागरूकता पैदा हुई। जिला प्रशासन ने इसे पूरी तरह सफल बताया और आगे भी ऐसे अभ्यासों की योजना जताई।
पाली में हुए इस मॉक हवाई हमले ने यह साबित कर दिया कि जिला प्रशासन आपात परिस्थितियों से निपटने को लेकर गंभीर है और सभी संबंधित विभागों का तालमेल बेहतर बन रहा है। इस अभ्यास से मिले अनुभव भविष्य में किसी भी वास्तविक आपदा में बड़ी राहत साबित हो सकते हैं।